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India News(इंडिया न्यूज),Patanjali Ad Case: आज पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव पर भ्रामक विज्ञापन को लेकर टिप्पणी करते हुए रामदेव के जवाब से नाराजगी जताई। जिसके बाद बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में हाथजोड़ सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी। जानकारी के लिए बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रामदेव को फटकार लगाते हुए कहा कि, आप चाहे इतने ऊँचे हों, कानून आपसे ऊपर है, कानून की महिमा सबसे ऊपर है।
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वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद रामदेव के वकील ने कहा कि, ‘हम इस अदालत से भाग नहीं रहे हैं। क्या मैं यह कुछ पैराग्राफ पढ़ सकता हूं? क्या मैं हाथ जोड़कर यह कह सकता हूं कि जेंटलमेन खुद अदालत में मौजूद हैं और अदालत उनकी माफी को दर्ज कर सकती है।
इसके साथ ही सुनवाई के दौरान पतंजलि के वकील ने भ्रामक विज्ञापन को लेकर कहा कि, हमारे मीडिया विभाग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं थी। इसलिए ऐसा विज्ञापन चला गया। इस पर बेंच में शामिल जस्टिस अमानुल्लाह और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि यह मानना मुश्किल है कि आपको इसकी जानकारी नहीं थी। जानकारी के लिए बता दें कि, केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली ने केंद्र सरकार की भी खिंचाई की। जहां उन्होंने कहा कि, हमें हैरानी है कि आखिर इस मामले में केंद्र सरकार ने अपनी आंखें क्यों बंद रखीं।
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वहीं सुनवाई के दौरान न्यायधिश अमानुल्ला ने रामदेव की तारीफ करते हुए कहा कि, बाबा रामदेव ने योग के मामले में बहुत अच्छा काम किया है। लेकिन एलोपैथी दवाओं को लेकर ऐसे दावे करना ठीक नहीं है। जिसके बाद IMA के वकील ने कहा कि, वह अपना विज्ञापन करें, लेकिन उसमें एलोपैथी चिकित्सा पद्धति की बेवजह आलोचना नहीं होनी चाहिए।
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