(इंडिया न्यूज़, Joshimath Crisis): जोशीमठ इस समय में बड़े संकट का सामना कर रहा है। भू-धंसाव से लगातार घरों में दरारें पड़ रही है। इस बीच जोशमीठ में प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों की मुआवजे को लेकर चल रही बैठक में बात नहीं बनी। प्रशासन की ओर से प्रभावितों परिवारों को डेढ़ लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की बात कही गई, लेकिन प्रभावितों ने इससे इनकार कर दिया।
23 परिवारों को दिया मुआवजा जाएगा। सिर्फ दो होटल ही ढहाए जाएंगे। किसी अन्य भवन पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं होगी। दो होटलों के पास रहने वाले पांच परिवारों पर सबसे अधिक असर पड़ने की आशंका है। वहीं मलारी इन और माउंट व्यू होटल के बाहर व्यापारियों को धरना-प्रदर्शन जारी है। लोगों में सरकार द्वारा तय कम मुआवजे को लेकर आक्रोश है। प्रभावितों ने आरोप लगाया कि सरकार राहत के नाम पर दर्द दे रही है।
People’s anger increased due to low compensation.
जोशीमठ के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी राजनीतिक माहौल गरमाए रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश राव मौन उपवास पर बैठ गए हैं। गांधी पार्क में समर्थकों के साथ धरने पर बैठे पूर्व सीएम ने कहा कि जोशीमठ में तोड़े जा रहे भवनों का वन टाइम सेटेलमेंट हो। बिना किसी पुनर्वास नीति के ध्वस्तीकरण अन्यायपूर्ण है।