SC agrees to hear tomorrow a PIL seeking VVPAT verification at the beginning of counting of EVM votes instead of verifying it at the end of counting. "Inform the Election Commission of India, let's see what can be done," says Supreme Court. pic.twitter.com/VLar3be8Wn
— ANI (@ANI) March 8, 2022
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Petition in Supreme Court on VVPAT इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) वाले वोटों की गिनती की शुरूआत में ही वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों का मिलान करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। गौरतलब है कि पांच राज्यों में कल ही विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं और मतगणना दस मार्च को होनी है। इससे पहले दाखिल उक्त याचिका पर शीर्ष कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। मामले में कल सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि मतगणना के आखिरी के बजाय ईवीएम वोटों की गिनती शुरू होने पर ही वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, हमने चुनाव आयोग को इस संबंध में जानकारी दे दी है और देखते हैं कि इस मामले में क्या किया जा सकता है। जिन पांच राज्यों में चुनाव हुए हैं उनमें पंजाब, गोवा, उत्तरप्रदेश उत्तराखंड, और मणिपुर। यूपी में सात चरणों में चुनाव हुआ है। राज्य में कल अंतिम चरण का मतदान था। वहीं उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक ही चरण में मतदान हुआ है। मणिपुर में दो चरणों में मतदान हुआ है। सभी राज्यों में मतगणना 10 मार्च को होगी।
वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल ईवीएम मशीन के साथ जुड़ी होती है। ईवीएम में वोट डालने के बाद इसमें से एक पर्ची निकलती है। इस पर्ची में जानकारी होती है कि आपने किस प्रत्याशी या पार्टी को अपना मतदान किया है। यानी वीवीपैट पर्ची से यह पुष्टि हो जाती है कि आपका वोट किसे गया है। इस पर्ची में उम्मीदवार का नाम और उसका चुनाव चिह्न छपा होता है। मतदाता को इसकी पर्ची नहीं दी जाती है।
Petition in Supreme Court on VVPAT
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