India News (इंडिया न्यूज), Census In India: देश में 13 साल बाद फिर से जनगणना कराए जाने की घोषणा कर दी गई है। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। जनगणना हर 10 साल में की जाती है लेकिन कोविड महामारी की वजह से साल 2021 में जनगणना नहीं हो पाया था। हाल ही में केंद्र सरकार ने जनगणना करवाने की घोषणा की है। ऐसे में भारत के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वृद्धि होने की उम्मीद है।
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 121 करोड़ से ज्यादा है। इसमें से 96.63 करोड़ हिंदू और 17.22 करोड़ मुसलमान हैं। भारत की कुल आबादी का 79.8% हिंदू और 14.2% मुसलमान हैं। इनके बाद 2.78 करोड़ ईसाई (2.3%) और 2.08 करोड़ सिख (1.7%) हैं। बाकी बौद्ध और जैन धर्म को मानने वालों की आबादी 1% से भी कम है।
Census In India: भारत में जनगणना
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य और दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश उपखंड है। यूपी में 75 जिले हैं। इसका जनसंख्या घनत्व 828 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
2001 की जनगणना के अनुसार, यूपी में 80.61% हिंदू आबादी और 18.50% मुस्लिम आबादी थी। 10 साल बाद 2011 में जनगणना हुई। तो यहां हिंदू आबादी 79.73% हो गई, जबकि मुस्लिम आबादी 19.26% हो गई। ऐसे 10 सालों में राज्य में हिंदुओं की आबादी 1.4% कम हो गई।
इस बीच, उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी 4.1% बढ़ी। आंकड़ों में बात करें तो 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की कुल आबादी 19.98 करोड़ है। इनमें से करीब 15.9 करोड़ हिंदू और 3.84 करोड़ मुसलमान हैं।
जनगणना विभाग के आकड़े के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 57 जिलों में हिंदुओं की आबादी मुसलमानों के मुकाबले काफी धीमी गति से बढ़ रही है। 2011 में हुई जनगणना के अनुसार यूपी के मुजफ्फरनगर में हिंदुओं की आबादी 3.20% घटी, जबकि मुस्लिम आबादी 3.22% बढ़ी।
जनसंख्या वृद्धि का सीधा संबंध प्रजनन दर से है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कुल प्रजनन दर यह है कि एक महिला अपने जीवनकाल में कितने बच्चों को जन्म दे रही है या जन्म दे सकती है। केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 30 सालों में हर समुदाय में प्रजनन दर में कमी आई है। हालांकि, परिवार नियोजन में मुस्लिम महिलाएं हिंदू महिलाओं से थोड़ी आगे हैं। पहला राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) 1992-93 में हुआ था। उस समय हिंदू महिलाओं में प्रजनन दर 3.3 थी, जबकि मुस्लिम महिलाओं में यह दर 4.4 थी। यानी उस समय एक हिंदू महिला अपने जीवनकाल में औसतन 3 बच्चों को जन्म दे रही थी, जबकि मुस्लिम महिलाओं में यह दर 4 से अधिक थी।
NFHS 5 की रिपोर्ट नवंबर 2022 में आई है। इसके अनुसार, अब हिंदू महिलाओं में प्रजनन दर 1.9 और मुस्लिम महिलाओं में यह 2.3 है। अब भी मुस्लिम महिलाएं हिंदू महिलाओं से अधिक बच्चों को जन्म दे रही हैं। लेकिन 30 वर्षों में मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर में 47% से अधिक की कमी आई है, जबकि हिंदू महिलाओं में यह 42% कम हुई है।
वो IPS जो बन गए थे राधा, साड़ी पहन के जाते थे ड्यूटी, करते थे 16 शृंगार, जानें अब कहां हैं?
2015 में अमेरिकी रिसर्च फर्म प्यू रिसर्च ने एक अध्ययन जारी किया था। जिसमें इस बात का अनुमान लगाया गया था कि 2050 तक भारत में दुनिया की सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी होगी। इस अध्ययन में अनुमान लगाया गया था कि 2050 तक भारत में हिंदू आबादी 1.3 अरब होगी, जबकि मुस्लिम आबादी 31 करोड़ से ज्यादा होगी। यानी उस समय तक दुनिया की कुल मुस्लिम आबादी में से 11% अकेले भारत में होगी।
फिलहाल इंडोनेशिया दुनिया में सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है। लेकिन 2050 तक भारत में दुनिया की सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी होगी। 2050 तक भारत की आबादी करीब 166 करोड़ होने का अनुमान है। अगर प्यू रिसर्च का अनुमान सही है, तो उस समय तक भारत में 78% हिंदू और 18% मुस्लिम होंगे।
भारत में पहली जनगणना 1872 में गवर्नर-जनरल लॉर्ड मेयो के शासन के दौरान हुई थी। 1881 में कमिश्नर डब्ल्यू.सी. प्लोडेन ने भारत की पहली पूर्ण जनगणना कराई थी। आजादी के बाद भारत में पहली जनगणना 9 फरवरी 1951 को शुरू हुई और 28 फरवरी 1951 तक चली। इस जनगणना में भारत की जनसंख्या 3,61,08,8,090 दर्ज की गई थी।