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India News (इंडिया न्यूज), Protesting Farmers: किसान और केंद्र सरकार के बीच संघर्ष को हफ्ता भर हो गया है। शुरुआत में दिल्ली चलो के अह्वाहन के साथ पंजाब के किसान राजधानी की तरफ कूच करने लगे। इसी बीच प्रशासन ने किसानों को शंभू सीमा पर रोक दिया। वहीं अब रविवार को आंदोलन को लेकर किसानों और सरकार के बीच चौथी दौर की बातचीत हुई।
इस बातचीत को लेकर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बैठक के दौरान केंद्र ने पांच साल की योजना सहित कुछ विचार पेश किए जिसके बाद किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च पर रोक लगा दी है।
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पंधेर ने मीडिया से कहा, “हम साथी किसानों के साथ केंद्र द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे विशेषज्ञों की राय लेंगे… हम अगले दो दिनों में इस (सरकार के प्रस्ताव) पर चर्चा करेंगे और सरकार भी विचार-विमर्श करेगी। हमें सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है, अन्यथा हम अपना दिल्ली चलो मार्च जारी रखेंगे।
वहीं किसानो के साथ चंडीगढ़ में हुई इस बैटक में केंद्र सरकार की तरफ से कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बैठक में हिस्सा लिया। इसके साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी वार्ता में शामिल हुए। बता दें कि रविवार रात 8.15 बजे शुरू हुई ये बैठ सोमवार को लगभग 1 बजे समाप्त हुई।
किसान नेताओं के साथ बैठक करने वाले तीन केंद्रीय मंत्रियों के पैनल ने सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दालों, मक्का और कपास की फसलों की खरीद के लिए पांच साल की योजना का प्रस्ताव रखा।
वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) और एनएएफईडी (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ अनुबंध करेंगी जो अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल या मक्का उगाते हैं। अगले पांच वर्षों तक उनकी फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी। ”
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