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India News (इंडिया न्यूज), Pune Porsche Accident: पुणे के कल्याणी नगर में अपनी तेज रफ्तार पोर्श कार में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की हत्या करने वाला नाबालिग कल फिर से किशोर न्यायालय (जेजेबी) के सामने पेश हुआ, जहां उसकी जमानत रद्द कर दी गई और उसे किशोर गृह भेज दिया गया।
इससे पहले जेजेबी (किशोर न्याय बोर्ड) ने ही गिरफ्तारी के कुछ घंटों के भीतर ही नाबालिग को जमानत दे दी थी। जेजेबी ने उस पर नाबालिग के रूप में मुकदमा चलाने के पुलिस के अनुरोध को भी खारिज कर दिया था। इस बीच जेजेबी का फैसला भी विवाद का कारण बन गया।
दरअसल, जेजेबी ने जमानत शर्तों के तौर पर दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, ट्रैफिक जागरूकता बोर्ड पेंट करने, ट्रैफिक कांस्टेबलों के साथ काम करने और परामर्श लेने के लिए भी कहा था।
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जुवेनाइल कोर्ट के फैसले के बाद विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला। वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी इसे चौंकाने वाला और आश्चर्यजनक बताया। इसके बाद जेजेबी ने नाबालिग को दोबारा पेश होने का नोटिस जारी किया। पेशी के बाद आरोपी की जमानत रद्द कर दी गई और उसे 5 जून तक बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
अब सवाल ये है कि क्या नाबालिग आरोपी पर बालिग की तरह मुकदमा चलेगा या नहीं।।।
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किशोर अदालत की सुनवाई में नाबालिग का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि यह तय करने की प्रक्रिया में कि क्या नाबालिग के साथ एक वयस्क के रूप में व्यवहार किया जाना चाहिए, कम से कम तीन महीने लग सकते हैं क्योंकि मनोचिकित्सकों और परामर्शदाताओं सहित अन्य लोगों से रिपोर्ट मांगी जाती है और फिर जेजेबी अपना निर्णय देता है।
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