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इंडिया न्यूज, Punjab News। Agneepath Scheme : केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध का सेक अब पंजाब तक पहुंच चुका है। जहां इस स्कीम का विरोध करने वालों ने कुछ जगहों पर नारेबाजी की तो वहीं लुधियाना के रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ भी की। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन पर बने लगभग सभी आफिसों के शीशें तक तोड़ दिए।
इसके अलावा कुछ अन्य शहरों में भी युवाओं द्वारा इस स्कीम को लेकर विरोध दर्ज कराया जा रहा है। केंद्र सरकार की इस योजना के खिलाफ अब विपक्ष भी लामबंद हो गया है और सरकार से इस योजना को वापस करने की मांग कर चुका है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जिन नौजवानों ने पिछले दो सालों में शारीरिक परीक्षा पास की है, उनको अग्निपथ स्कीम को लागू करने की बजाय फौज में भर्ती होने के लिए लिखित परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अग्निपथ स्कीम को वापस लेने की मांग को दोहराते हुए कहा कि यह बेतुकी बात है कि पिछले दो सालों से हजारों नौजवानों ने सेना में भर्ती होने के लिए शारीरिक परीक्षा पास की है लेकिन उनको लिखित परीक्षा के लिए नहीं बुलाया गया।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने इसके विपरीत एक अजीबो-गरीब कदम उठाते हुए अग्निपथ स्कीम शुरू कर दी है, जिसमें जवानों को बिना किसी पेंशन लाभ से फौज में 4 साल के छोटे से सेवाकाल की इजाजत दी जाती है। मान ने कहा कि यह देश के उन नौजवानों के साथ बेइंसाफी है, जो भारतीय फौज में भर्ती होकर अपनी मातृ भूमि की सेवा करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए और पिछले दो सालों में शारीरिक टेस्ट पास करने वाले नौजवानों को लिखित परीक्षा में बैठने की इजाजत देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इससे उनको भारतीय फौज में भर्ती होने और अपनी मातृ भूमि की सेवा करने का उपयुक्त मौका मिलेगा। भगवंत मान ने कहा कि यह समय की जरूरत है क्योंकि इस तर्कहीन कदम ने पहले ही देश में तूफान खड़ा कर दिया है क्योंकि भारत के हर कोने से नौजवान इस फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निपथ स्कीम, अगर लागू होती है, तो सैनिकों के लड़ने के क्षमता को कमजोर करेगी क्योंकि सिर्फ 4 सालों में उनके पास जंग के मैदान में दुश्मन के साथ लड़ने का बहुत तजुर्बा नहीं होगा।
यह स्कीम फौज में 4 साल के थोड़ा समय के कार्यकाल के बाद नौजवानों को बेरोजगार बना देगी और वह भी उनके भविष्य की सुरक्षा के बिना। मान ने कहा कि यह नीति एक बेतुकी सोच है, जो नौजवानों को बेरोजगारी और गरीबी के बुरे दौर में धकेलेगी, जो देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता के लिए घातक सिद्ध होगी।
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