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समलैंगिक विवाह मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने LGBTQ+ समुदाय से संबंधित अलग-अलग मुद्दों की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है। अक्टूबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने के निर्देश दिया था।
यह समिति LGBTQ+ समुदाय से जुड़े कई मुद्दों की जांच करेगी, उदाहरण के लिए ये सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं कि आम चीज़ों और सेवाओं तक पहुंचने में LGBTQ+ समुदाय के साथ भेदभाव न हो। समिति ये भी जांच करेगी कि कौन से उपाय यह सुनिश्चित करेंगे कि LGBTQ+ समुदाय को हिंसा, उत्पीड़न या कोई खतरा न हो।
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इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं कि LGBTQ+ समुदाय के लोगों को अनैच्छिक चिकित्सा उपचार (involuntary medical treatment) और सर्जरी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही सुनिश्चित करने के लिए कि सामाजिक कल्याण अधिकारों तक पहुंच में किसी तरह का भेदभाव न हो।
आपको बता दें कि 17 अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि विवाह को कानूनी मान्यता हम नहीं दे सकते बल्कि सरकार एक समिति गठित करे और इस पर विचार करे।
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