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Republic Day 2023: क्यों स्वतंत्रता दिवस पर किया जाता है ध्वजारोहण लेकिन गणतंत्र दिवस पर फहराया जाता है तिरंगा? जानें तौर-तरीके और विधान

Rajesh kumar • LAST UPDATED : January 18, 2024, 3:39 pm IST
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Republic Day 2023: क्यों स्वतंत्रता दिवस पर किया जाता है ध्वजारोहण लेकिन गणतंत्र दिवस पर फहराया जाता है तिरंगा? जानें तौर-तरीके और विधान

India News (इंडिया न्यूज़),Republic Day 2023: देश का राष्ट्रीय ध्वज गरिमा और गौरव का प्रतीक है। हर साल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर झंडा फहराया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में कुछ अंतर हैं। दो प्रकार से झंडे फहराए या लहराए जाते हैं। एक को ध्वजारोहण और दूसरे को फहराना कहते हैं। आइए जानते हैं कि झंडे फहराने में क्या अंतर है और इनकी अलग-अलग गिनती कैसे की जाती है।

फहराने और ध्वजारोहण में अंतर

बहुत कम लोग जानते होंगे कि ध्वजारोहण और झंडा फहराने में बहुत अंतर होता है। दरअसल, 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज को सबसे ऊपर बांधा जाता है और वहीं से झंडा खोलकर फहराया जाता है जिसे झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहा जाता है। वहीं, अगर स्वतंत्रता दिवस की बात करें तो 15 अगस्त के दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर की ओर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है जिसे ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब हमारा देश ब्रिटिश गुलामी से आजाद हुआ तो ब्रिटिश सरकार का झंडा उतारकर भारत का झंडा फहराया गया। यही कारण है कि 15 अगस्त को तिरंगे को ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है।

दोनो दिवस पर पीएम और राष्ट्रपति अलग-अलग करते हैं ध्वजारोहण

स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यक्रम में भाग लेते हैं और ध्वजारोहण करते हैं। वहीं गणतंत्र दिवस पर देश के राष्ट्रपति 26 जनवरी के मुख्य कार्यक्रम में शामिल होते हैं और झंडा फहराते हैं।

जगह में भी होता है अंतर

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। वहीं, राजपथ पर गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम होता है। इस दिन राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं।

26 जनवरी को राष्ट्रपति ही क्यों फहराते हैं झंडा?

प्रधानमंत्री देश का राजनीतिक प्रमुख होता है जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होता है। देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। इससे पहले देश में न तो कोई संविधान था और न ही कोई राष्ट्रपति था। इसी कारण से हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।

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