Russia Ukraine War Effect
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Russia Ukraine War Effect रूस ने भारत को गैस और तेल के क्षेत्र में निवेश करने का न्योता दिया है। यूक्रेन में जंग के विरोध में पश्चिमी देशों ने रूस पर पाबंयिां लगाई हैं और इसी के चलते रूस ने भारत से उक्त क्षेत्रों में इनवेस्टमेंट का विस्तार करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि सोवियत संघ के पतन के बाद से इस समय रूस की इकोनॉमी सबसे खराब दौर में पहुंच गई है। मास्को एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में अपनी आयल कंपनीज के बिक्री नेटवर्क को भी बढ़ाने का इच्छुक है।
अमेरिका ने रूस की ओर से जारी यूक्रेन पर जंग निंदा करने का आह्वान किया
अमेरिका के करीब कुछ देशों ने भारत से भी रूस के यूक्रेन में युद्ध को लेकर निंदा करने का आह्वान किया था। हालांकि भारत सरकार ने ऐसा नहीं किया। केंद्र सरकार ने सधी प्रतिक्रिया देते हुए ना रूस के यूक्रेन पर युद्ध को अच्छा कहा और नहीं रूसी राष्टÑपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई के विरोध में कुछ कहा। गौरतलब है कि रूसी गैस व तेल के क्षेत्र में भारतीय सरकारी तेल कंपनियों की हिस्सेदारी है। कुछ भारतीय कंपनियां रूस से तेल भी खरीदती हैं।
रूस करता है एक अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद व तेल का निर्यात
भारत में रूसी दूतावास ने रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक के हवाले से बताया है कि भारत को फिलहाल एक अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद व तेल का रूस निर्यात करता है। वर्तमान की स्थितियां को देखते हुए उसमें इस आंकड़ें को बढ़ाने की स्पष्ट संभावना है। भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी संग वार्ता में नोवाक ने गैस व रूसी तेल में भारत को निवेश बढ़ाने व रूसी कंपनियों के बिक्री नेटवर्क का विस्तार करने का आग्रह किया।
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खतरे में पड़ सकता है अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र
गौरतलब है कि रूस रूस अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा व अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को एक पत्र लिखकर रूस पर लगे प्रतिबंध को खत्म करने का आग्रह किया है और चेताया कि इससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आइएसएस) खतरे में पड़ सकता है।रोसकोसमोस प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने कल ट्वीट किया, ‘पत्र में अमेरिकी, कनाडाई व यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों से अपील की गई है कि वे अंतरिक्ष केंद्र को चालू रखें।
उन्होंने अपील को एक नक्शे के जरिये प्रदर्शित किया है, जिसमें आइएसएस के उड़ान मार्ग और उसके गिरने के आशंकित क्षेत्र को दशार्या गया है। साथ ही कहा कि आइएसएस रूस के शायद ही किसी हिस्से में गिरेगा। अंतरिक्ष केंद्र में फिलहाल नासा के चार, रूस के दो व एक यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।
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