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India News (इंडिया न्यूज), Sahibi River Delhi: आधुनिक दौर में इंसानों ने प्रकृति को खूब चोट पहुंचाया है। जिससे भारत में सबसे अधिक प्रभावित जंगल और नदी हुए हैं। ऐसी ही एक नदी की बात हम आज कर रहे हैं। जो समय के साथ इंसानों की दुर्लभ प्रवृति की वजह से नाला बन गई। दिल्ली में यमुना नदी के अलावा एक नदी हुआ करती थी, जिसका नाम भी इसी के नाम पर रखा गया था। दरअसल हम बात कर रहे हैं साहिबी नदी की। एक समय में यह नदी दिल्ली के लोगों की प्यास बुझाती थी और शहर की जीवन रेखा मानी जाती थी, लेकिन आज यह नदी अपनी दुर्दशा के कारण चिंता का विषय बन गई है।
बता दें कि, साहिबी नदी एक नाला बन गई है। जिसको नजफगढ़ नाला के नाम से जाना जाता है। कई साल पहले यह साहिबी नदी हुआ करती थी, जो राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में बहती थी। इस नदी का इतिहास बहुत पुराना है। यह नदी दिल्ली के प्राचीन शहरों में से एक तिलक नगर से निकलती थी और यमुना नदी में मिल जाती थी। इस नदी के किनारे कई प्राचीन मंदिर और मस्जिद स्थित थे, जो इस बात का प्रमाण है कि यह नदी धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण थी। वहीं इस नदी की लंबाई 300 किलोमीटर थी। अब दिल्ली के सभी नालों का पानी इसमें गिरता है। पहले यह सीधे यमुना नदी में गिरती थी लेकिन अब इसका प्रवाह धीमा हो गया है। क्योंकि अब यह नदी की बजाय नाले में तब्दील हो गई है।
साहिबी नदी में गंदा पानी, कचरा और औद्योगिक अपशिष्ट डाला जाता है। नदी का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि इसमें कोई भी जीव जीवित नहीं रह सकता। वहीं साहिबी नदी राजस्थान के सीकर के अजीतगढ़ कस्बे में धारा जी मंदिर के पास से निकलती है। इसकी सहायक नदियाँ कृष्णा, धोना और सोता नदियां हैं। साहिबी नदी की दुर्दशा हमें बताती है कि हमारे लिए अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना कितना महत्वपूर्ण है। अब प्रयास करने होंगे ताकि साहिबी नदी को वापस उसके पहले वाले स्वरूप में लाया जा सके।
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