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India News (इंडिया न्यूज), Sambhal Violence: समाजवादी पार्टी का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज शनिवार (30 नवंबर) को संभल जाएगा। यूपी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के 5 सांसदों समेत 15 नेता संभल जाएंगे, जो पीड़ितों से मिलेंगे और अपनी रिपोर्ट सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सौंपेंगे। हालांकि नेताओं के संभल जाने पर रोक है, जिसको देखते हुए लखनऊ में माता प्रसाद पांडेय के घर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के संभल दौरे पर कहा कि अभी कोई भी संभल नहीं जा सकता। क्योंकि वहां शांति स्थापित हो चुकी है। अगर कोई आता है तो इससे दंगा भड़क सकता है।
बता दें कि, सपा के इस प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल, सांसद हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क और नीरज मौर्य शामिल हैं। इसके साथ ही विधायक कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद और पिंकी सिंह यादव समेत सपा के कुल 15 लोग इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए गए हैं। दरअसल, यूपी के संभल में मस्जिद सर्वे को लेकर 24 नवंबर की हिंसा ने पूरे देश की राजनीति को गरमा दिया है। एक तरफ भीड़ पर हिंसा के आरोप लग रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
संभल हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम भी संभल जाएगी, जो हिंसा की वजह जानेगी और दो महीने में अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। बता दें कि, न्यायिक जांच दल की जिम्मेदारी तीन महत्वपूर्ण और वरिष्ठ लोगों को सौंपी गई है। इनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज डीके अरोड़ा, आईएएस अमित मोहन प्रसाद और रिटायर्ड आईपीएस अरविंद कुमार जैन शामिल हैं। इससे पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने आदेश देखा है, इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। मस्जिद कमेटी को अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने का मौका मिलना चाहिए, चाहे वह जिला कोर्ट हो या हाई कोर्ट। सीजेआई ने कहा कि हम मामले को अपने पास लंबित रखेंगे और हम चाहते हैं कि वहां शांति बनी रहे। साथ ही 6 जनवरी से शुरू होने वाले सप्ताह में इसे सूचीबद्ध करेंगे।
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