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India News (इंडिया न्यूज़), 2000 Rupee Note,नई दिल्ली : शुक्रवार को RBI के द्वारा ये घोषणा किया गया कि 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर किया जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपये के नोट को ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत बंद करने का फैसला किया है। RBI 2,000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन के द्वारा वापस लेगी। ऐसे में इस सरकार के इस फैसले को विपक्ष के द्वारा खूब आलोचना की जा रहा है। इसी कड़ी में उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने सरकार पर हमल बोला है। राउत का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था के साथ इतना घिनौना खिलवाड़ इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा।
2000 रुपए के नोट पर RBI के फैसले पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा “PM ने जब पहली बार नोटबंदी की थी तब उन्होंने कहा था कि इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कालाधन, महंगाई कम होगी। इसमें से कुछ भी नहीं हुआ। लोगो का रोजगार गया, भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद बढ़ गया। PM ने ये भी कहा था कि अगर मेरा ये फैसला गलत हुआ तो आप मुझे फांसी पर लटका देना। अब दूसरी बार नोटबंदी कर रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था के साथ इतना घिनौना खिलवाड़ इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा।”
#WATCH PM ने जब पहली बार नोटबंदी की थी तब उन्होंने कहा था कि इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कालाधन, महंगाई कम होगी। इसमें से कुछ भी नहीं हुआ। लोगो का रोजगार गया, भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद बढ़ गया। PM ने ये भी कहा था कि अगर मेरा ये फैसला गलत हुआ तो आप मुझे फांसी पर लटका देना। अब… pic.twitter.com/nUTlC8Ilds
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 21, 2023
बता दें नवंबर 2016 में 2,000 रुपये के नोटों की शुरुआत की गई थी। इसका मकसद था कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को वापस लेने के बाद अर्थव्यवस्था में करंसी की जरूरत को तेजी से पूरा किया जा सके। उस मकसद के पूरा होने और पर्याप्त मात्रा में अन्य मूल्य के नोटों की उपलब्धता के साथ 2018-19 में 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। 2,000 रुपये मूल्य के ज्यादातर नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे। इन नोटों का अनुमानित जीवन काल 4-5 साल ही था। यह भी देखा गया कि इस मूल्य के नोटों का आमतौर पर लेन-देन के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। जनता की करंसी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का स्टॉक पर्याप्त बना हुआ है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए और भारतीय रिजर्व बैंक की ‘क्लीन नोट नीति’ के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया है कि 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस ले लिया जाए।
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