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इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Scrub Typhus In UP वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद उत्तर प्रदेश के Unnao जिले में जीका और अब Scrub Typhus का मामला सामने आया है।
आज जिले के Hasanganj में Scrub Typhus का पहला केस मिला, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। आइडीएसपी के नोडल अधिकारी डॉक्टर वीके गुप्ता ने बताया कि मरीज Lucknow में भर्ती है। उन्होंने कहा, कल गांव में टीम भेजकर दवाई वगैरह का छिड़काव कराया जाएगा।
हसनगंज तहसील के गजफ्फर नगर निवासी युवक को कई दिन से बुखार आ रहा था। परिवार वालों ने उसे लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया। जहां जांच में स्क्रब टायफस होने की पुष्टि हुई। CMO (Unnao) Dr. Satyaprakash को आज शाम को इस संबंध में रिपोर्ट मिली। Dr. Satyaprakash डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि हसनगंज सीएचसी से टीम गांव भेजी गई है।
डॉक्टर वीके गुप्ता ने बताया कि यह एक वेक्टर जनित बीमारी है। समय के साथ यह Central Nervous System, Cardiovascular System, Kidney, Respiratory and Gastrointestinal System को प्रभावित करती है। कई मामलों में मल्टी आर्गन फेल्योर से रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। सामान्य तौर यह रोग चूहों और झांड़ी आदि के कारण फैलती है।
IDSP Dr Ravi Yadav ने बताया कि स्क्रब टायफस के मुख्य लक्षण बुखार और ठंड लगना है। इसके अलावा सिरदर्द व शरीर और मांसपेशियों में दर्द भी होता है। कुछ रोगियों में जोड़ों में भी दर्द होता है, जो चिकनगुनिया का भी लक्षण होता है। इसके अलावा इस रोग से संक्रमित 40-50 फीसदी लोगों में कीड़े के काटने का गोल और काले रंग का निशान दिखता है। अधिकतर लोगों में इसके निशान दिखते भी नहीं हैं।
समय रहते स्क्रब टायफस इलाज न होने की स्थिति में यह बीमारी निमोनिया का रूप ले सकती है। इस संक्रमण में कुछ मरीजों में लिवर व किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती जिससे मरीज बेहोशी की हालत में चला जाता है। रोग गंभीर होने पर मरीज में प्लेटलेट्स की संख्या भी कम होने लगती है।
स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए अब तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है। ऐसे में संक्रमित से दूरी बनाकर रखी जानी चाहिए। जंगलों और झाड़ वाले इलाकों में यह वायरस अधिक हो सकते हैं, ऐसी जगहों पर जाने से बचें। ऐसे कपड़े पहनें जिससे हाथ और पैर अच्छी तरीके से ढके रहें। चूहों से बचाव करें।
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