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केंद्र ने पैंगोंग झील के पास नए इलाकों को खोला, जानें LAC के करीब पर्यटकों को जाने देने का कारण

BY: Reepu kumari • LAST UPDATED : September 29, 2023, 8:02 am IST
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केंद्र ने पैंगोंग झील के पास नए इलाकों को खोला, जानें LAC के करीब पर्यटकों को जाने देने का कारण

Ladakh Pangong Lake

India News ( इंडिया न्यूज़), Ladakh Pangong Lake, नई दिल्ली: हर किसी का सपना होता है कि वह एक बार लद्दाख (Ladakh) घूमने जरुर जाए। ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर सीधे वहीं से से। गुड न्यूज इसलिए हैं क्योंकि सीमा विवाद के कारण लद्दाख के पास कई इलाकें काफी वक्त से बंद थें और कई तरह के प्रतिबंध थे। जहां केंद्रीय गृह मंत्रालय  की ओर से राहत देते हुए लद्दाख (Ladakh) में पैंगोंग झील (Pangong Lake) के उत्तर में रणनीतिक चांग चेनमो सेक्टर के करीब आम नागरिकों के लिए बंद दो इलाकों को खोल दिया गया है। इसके अलावा चीन के साथ सीमा विवाद चौथे साल भी जारी है।

बता दें कि  केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इससे पहले 14 सितंबर को एक सर्कुलर जारी किया गया था। जिसमें विदेशी पर्यटकों को लेह से 254 किमी पूर्व हानले में रात भर रुकने की अनुमति दी गई है। खबर एजेंसी की मानें तो पर्यटक अब अपनी चार पहिया गाड़ियों या मोटरसाइकिल से लेह से 184 किलोमीटर पूरब में 18,314 फीट ऊंचे मार्सेमिक ला दर्रा तक पहुंच सकते हैं।

पर्यटकों से होगा गुलजार

(Ladakh Pangong Lake)

जान लें कि यह चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के विवादित इलाकों तक जाने वाले रणनीतिक क्षेत्र का प्रवेश द्वार है। एलएसी इससे महज 5 किलोमीटर पूरब की ओर है। टूरिस्टों के लिए मार्सेमिक ला दर्रे के पश्चिम में मौजूद ज्यादा ऊंचाई वाली स्को घाटी ट्रैकिंग का एक शानदार ऑप्शन है।इस ट्रैक की शुरुआत पैंगोंग झील के पश्चिमी सिरे के पास युरगो गांव से होता है। घाटी अपने  हरे-भरे चरागाहों और सुंदर झीलों से घिरी नजर आती है। सरकार ने यह फैसला सीमा के इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा 

Ladakh Pangong Lake जान लें कि दिसंबर में डार्क स्काई रिजर्व के रूप में अधिसूचित हानले में विदेशियों को रात बिताने की अनुमति मिलने से खगोल-पर्यटन पर अच्छा असर पड़ेगा। माना जा रहा है कि इस कड़ी में अगली जगह त्सोग्त्सालो हो सकता है, जो मार्सेमिक ला में रिमदी चू और चांग चेनमो नदियों के संगम के पास एक चरागाह बना है। 21 अक्टूबर, 1959 को शहीद हुए 10 सीआरपीएफ जवानों के सम्मान में पुलिस स्मारक यहां बना है।

बता दें कि इन जवानों के गश्ती दल पर चीनियों ने हमला बोल दिया था। उस समय उन इलाकों की हालत खराब थी। जो अब बेहतर होने लगी है। भारतीयों के लिए इनर लाइन परमिट सिस्टम को अगस्त 2021 में समाप्त कर दिया गया था। सीमा विवाद और सुरक्षा को देखते हुए एलएसी के विवादित हिस्सों के करीब के इलाकों में बड़े पैमाने पर टूरिस्टों के लिए बंद ही रखें गए हैं।

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