इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Security Council Of India)। भारत की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए श्रीलंका भारत का साथ देगा। इस मामले में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को बताया कि उनकी सरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत-जापान के प्रयासों का समर्थन करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो अबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति विक्रमसिंघे फिलहाल जापान में हैं।
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से एक विज्ञप्ति जारी कर यह बताया गया है कि जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी से मंगलवार को एक मुलाकात के दौरान विक्रमसिंघे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका को जापान की ओर से मुहैया कराये गए समर्थन की सराहना की। विक्रमसिंघे ने कहा कि उनकी सरकार संयुक्त राष्ट्र (संरा) सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए चलाए गए दोनों देशों (भारत-जापान) के अभियान का समर्थन करने का इच्छुक है।
सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वर्षों से चलाए जा रहे प्रयास को लेकर भारत काफी सक्रिय रहा है। इस तरह भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है। सुरक्षा परिषद का मौजूदा प्रारूप 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकता को नहीं दशार्ता। फिलहाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य देश हैं।
अस्थायी सदस्यों का चयन दो वर्षों के लिए किया जाता है। यह चयन संरा महासभा द्वारा किया जाता है। पांच स्थायी सदस्य दशों में रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका शामिल हैं और इन देशों के पास वीटो अधिकार है, जिससे वह किसी प्रस्ताव को चाहें तो रोक सकते हैं। सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों में फिलहाल भारत भी है, लेकिन इसका कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है।
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