इंडिया न्यूज, अहमदाबाद, (Shah In Ahmedabad City) : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को अहमदाबाद शहर में चार ‘स्मार्ट स्कूलों’ का उद्घाटन किया। स्मार्ट स्कूलों के उद्घाटन के बाद शाह ने गुजरात मॉडल आॅफ प्राइमरी एजुकेशन की जमकर प्रशंसा की। शाह ने कहा कि अगर किसी भी राज्य को इस शिक्षा मॉडल के बारे में सीखना है, तो उसे गुजरात आना चाहिए।
इस दौरान अमित शाह ने इशारों ही इशारों में आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेता अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधत हुए कहा कि ऐसे लोग हैं जो चुनाव से पांच माह पहले मैदान में उतरते हैं, जबकि हम वोट मांगने से पहले जनता के लिए पांच वर्ष तक कड़ी मेहनत करते हैं।
शाह ने अहमदाबाद शहर में चार ‘स्मार्ट स्कूलों’ का किया उद्घाटन
उन्होंने राज्य में प्राइमरी एजुकेशन को खराब स्थिति में छोड़ने के लिए अतीत की गुजरात के कांग्रेस सरकारों को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद स्कूलों में नामांकन अनुपात को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए ‘कन्या केलवानी’ और ‘गुणोत्सव’ जैसी पहल की। जिसका फल यह हुआ कि ड्रॉपआउट अनुपात को लगभग शून्य पर आ गया।
शाह ने कहा कि चुनाव नजदीक आ चुका है। चुनाव में दो तरह के लोग जनता के सामने आते हैं। एक ऐसे लोग जो एक राजनीतिक दल के माध्यम से पांच साल तक पसीना बहाकर और सार्वजनिक सेवा करते हुए चुनाव लड़ते हैं। दूसरा कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो चुनाव से पांच महीने पहले नए कपड़े पहनते हैं और वादों के उपहार के साथ जनता के समक्ष आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, गुजरात की जनता इसे भली भांति समझती है।
गौरतलब है कि दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) अब गुजरात राज्य में भी सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ मुख्य दावेदार के रूप में उभरने की भरसक कोशिश कर रही है। इसके लिए ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह वादा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद काम की गारंटी का दावा करती है।
शाह ने कहा कि अहमदाबाद नगर निगम द्वारा इन चार ‘अनुपम शार्ट शालाओं’ (अनुपम स्मार्ट स्कूल) की स्थापना प्राइमरी स्कूल एजुकेशन में एक नए अध्याय की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि 22 ऐसी सुविधाएं नागरिक निकाय द्वारा स्थापित की जाएंगी।
शाह ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान स्कूल छोड़ने का अनुपात 37 प्रतिशत था और 100 में से केवल 67 बच्चे ही स्कूलों में प्रवेश ले रहे थे। नरेंद्रभाई ने नई पहल शुरू की। ‘कन्या केलवानी’ के नाम पर उन्होंने एक प्रवेशोत्सव (दाखिला अभियान) शुरू किया। बच्चों को घरों से लाया गया और पूरे देश में पहली बार नामांकन दर बढ़कर 100 प्रतिशत हो गई। कांग्रेस ने जो ड्रॉपआउट अनुपात को 37 प्रतिशत पर छोड़ दिया था, जिसे नरेंद्रभाई ने शून्य पर ले आए।
उन्होंने कहा कि मोदी ने ‘गुणोत्सव’ (प्रारंभिक स्तर पर छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार के लिए) जैसी पहल शुरू की और शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया। शाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर किसी राज्य को शिक्षा के बारे में एक मॉडल का अध्ययन करना है, तो मैं बिना किसी हिचकिचाहट के कह सकता हूं कि उसे गुजरात में आना चाहिए।
चाहे वह गांव हो, नगरपालिका हो, शहर हो, गरीब या अमीर के बच्चे हों, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने उनकी प्राथमिक शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए हर तरह के इंतजाम किए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस वर्ष के अंत में होने वाले चुनावों से पहले एक बार फिर जाति की बात करने के साथ ही नए वादे करेगी। शाह ने जोर देकर कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पिछली कांग्रेस सरकारों के दौरान काफी खराब हो गई थी, लेकिन नरेंद्र मोदी के सीएम बनने के बाद उनके कड़े प्रयासों ने एक स्वस्थ्य माहौल दिया और यह निश्चित किया कि सांप्रदायिक दंगे और कर्फ्यू पुरानी बातें है।
उन्होंने कहा कि गत 20 वर्षों से जारी विकास यात्रा अगले पांच वर्षों तक चलेगी। भूपेंद्रभाई ने सभी परियोजनाओं को सही तरीके से और समय पर क्रियान्वित किया है। शाह ने आगे कहा कि जहां कांग्रेस के शासन में बिजली की स्थिति अनिश्चित थी और गांवों में लोगों को अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से रात के खाने के समय बिजली आपूर्ति के लिए अनुरोध करना पड़ता था, मोदी जी ने यह सुनिश्चित किया था कि राज्य में पूरे 24 घंटे बिजली हो। जिससे आम लोगों को कोई परेशानी न हो।
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