ADVERTISEMENT
होम / देश / Shankaracharya On Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने की शंकराचार्य ने बतायी वजह, जानें क्या कहा

Shankaracharya On Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने की शंकराचार्य ने बतायी वजह, जानें क्या कहा

BY: Shanu kumari • LAST UPDATED : January 11, 2024, 4:50 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Shankaracharya On Pran Pratishtha: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने की शंकराचार्य ने बतायी वजह, जानें क्या कहा

India News ( इंडिया न्यूज़ ), Shankaracharya On Pran Pratishtha: 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन होना है। जिसे लेकर तैयारी की जा रही है। इस पावन अवसर में शामिल होने के लिए दुनिया भर के लोगों को न्योता भेजा गया है। इसी क्रम में विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता को भी न्योता भेजा गया। हालांकि कांग्रेस नेता ने इस निमंत्रण को ठुकरा दिया। उनके द्वारा यह दलील दी गई की धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि राजनीतिक है। अब इस पात पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी बयान दिया है।

राजनीतिक नेता और धार्मिक नेता

उन्होंने कहा कि “भारत में राजा [राजनीतिक नेता] और धार्मिक नेता हमेशा अलग-अलग रहे हैं। लेकिन अब राजनीतिक नेता को धार्मिक नेता बनाया जा रहा है। यह परंपराओं के खिलाफ है और राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है। ” श्रृंगेरी सारदा पीठ के स्वामी भारतीकृष्ण तीर्थ और द्वारिकापीठ के स्वामी सदानंद सरस्वती अन्य दो शंकराचार्य हैं। उन्होंने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।

मंदिर अभी भी निर्माणाधीन

अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य स्वामी मुक्तानंद ने कहा कि “शंकराचार्यों की चार पीठ पिछले 2,500 वर्षों से सबसे योग्य धार्मिक केंद्र हैं। उनके प्रमुखों पर सनातन धर्म का उल्लंघन करने वालों का विरोध करने की जिम्मेदारी है। हमने अन्य शंकराचार्यों से बातचीत की है और उन सभी ने उस समारोह में भाग लेने में अपनी उदासीनता दिखाई है। क्योंकि मंदिर अभी भी निर्माणाधीन है।”

हिंदू धर्म के सिद्धांतों का पहला उल्लंघन

शंकराचार्य बने अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि “अधूरे मंदिर का उद्घाटन करना और वहां भगवान की मूर्ति स्थापित करना एक बुरा विचार है।” अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि “चारों शंकराचार्यों में से कोई भी 22 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने जा रहा हैं। वे हिंदू धर्म में स्थापित मानदंडों की अनदेखी कर रहे हैं।” मंदिर का निर्माण पूरा किए बिना भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित करना हिंदू धर्म के सिद्धांतों का पहला उल्लंघन था। इतनी जल्दी की कोई आवश्यकता नहीं थी।”

Also Read:

Tags:

AyodhyaInaugurationNarendra ModiRam temple

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT