संबंधित खबरें
चैन की नींद सो रहे थे मासूम और…रात के अंधेरे में मौत ने कर दिया तांडव, वीडियो देख कांप जाएगी रूह
अतुल सुभाष जैसा मामला आया सामने, पत्नी और ससुराल वालो से परेशान था शख्स, हाईकोर्ट ने मामले को बताया पति के साथ 'क्रूरता'
पहले सीएम पद फिर विभाग और अब…महायुति में नहीं थम रही खींचतान, जाने अब किसको लेकर आमने-सामने खड़े हुए सहयोगी
यूपी पुलिस का बड़ा एक्शन, 3 खालिस्तानी आतंकवादियों को किया ढेर, गुरदासपुर पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से किया था हमला
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
Shardiya Navratri 2021: डोली पर सवार होकर आएंगी मां भवानी, समृद्धि का है योग
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Shardiya Navratri इस वर्ष शारदीय नवरात्रे आठ दिन होंगे। तृतीया व चतुर्थी दोनों एक ही दिन नौ अक्टूबर को पड़ेगी। पहला नवरात्रा Seven October को होगा। कलश स्थापना के साथ ही श्रद्धालु हर दिन आदि शक्ति मां भवानी के सभी नौ स्वरूपों की आराधना करेंगे। शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि गुरुवार व शुक्रवार को नवरात्रे शुरू हो रहे हैं, इसलिए इस बार मां डोली पर सवार होकर आएंगी।
Vaishno Devi Yatra 2021 Latest Guidelines वैष्णो देवी तीर्थ यात्रा पर जाने से पहले जान लें ये नियम
धर्मशास्त्रों के अनुसार जब मां डोली पर सवार हो आती है तो यह अच्छा शगुन माना जाता है। सोमवार व रविवार को कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर आती हैं। शनिवार तथा मंगलवार को कलश स्थापना होने पर मां घोड़े पर आती है। गुरुवार अथवा शुक्रवार के दिन कलश स्थापना होने पर माता डोली पर चढ़कर आती हैं। बुधवार के दिन कलश स्थापना होने पर माता नाव पर सवार होकर आती हैं। डोली पर आने से इस बार समृद्धि का योग है।
Acharya SS Nagpal ने बताया कि शारदीय नवरात्र शीत ऋतु के आगमन की सूचना देता है। शक्ति की उपासना अश्विन मास के प्रतिपदा से नवमी तक की जाती है। इस वर्ष नवरात्र सात अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक है।
सात अक्टूबर गुरुवार को इस दिन सूर्य चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेंगे। इस वर्ष नवरात्र चित्रा नक्षत्र व वैघृति योग में शुरू हो रही है जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ नहीं है। चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग के चलते घटस्थापना सुबह कन्या लग्न में अथवा अभिजीत मुहूर्त में ही शुभ रहेगा ।
प्रतिपदा तिथि छह अक्टूबर को शाम 4:34 बजे से शुरू होकर सात अक्टूबर को दोपहर 1:46 बजे तक रहेगी। इस दिन चित्रा नक्षत्र में सुबह 6:02 बजे से 6:50 बजे तक अभिजीत मुर्हूत है। सुगह 11:30 से दोपहर 12:17 बजे तक घट स्थापना एवं देवी का पूजन किया जा सकता है।
नवरात्र में प्रथम मां शैलपुत्री, द्धितीय मां ब्रह्मचारिणी, तृतीय मां चंद्रघंटा, चतुर्थ मां कूष्मांडा, पंचमी मां स्कन्द माता, षष्ठी मां कात्यानी देवी, सप्तमी मां कालरात्रि, अष्टमी मां महागौरी और नवमी मां सिद्धिदात्री की उपासना करने का विधान है।
आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि भगवान श्री राम ने सर्वप्रथम शारदीय नवरात्र का पूजन समुद्रतट पर करके 10वें दिन रावण पर विजय प्राप्त की थी। तब से ही असत्य पर सत्य की और अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व दशहरा मनाया जाता है। आचार्य कृष्ण कुमार मिश्रा ने बताया कि देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से संग्राम करके उसका वध किया था और उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है। इस बार विजय दशमी 15 अक्टूबर को पड़ेगी।
Read More : Chintpurni Navratri Fair : सिर्फ चलते-चलते कर सकेंगे दर्शन
Read More : Navratri 2021 Makeup Tips in Hindi नवरात्रि मेकअप टिप्स
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.