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India news(इंडिया न्यूज़), Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति इनदिनों काफी चर्चा में है। एक तरफ वीपक्षी दलों का जुटान मुंबई में होने जा रहै है, तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बगावत चर्चा में है। इसी बीच शिवसेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे ने अपने मुखपत्र सामना में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर जमकर हमला बोला है। सामना ने अपने संपादकीय पेज में अजित पवार की बारामती में हुई रैली के संदर्भ में कहा गया है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री कह रहे है कि उन्हें सत्ता नहीं चाहिए। विकास के लिए भाजपा एकनाथ शिंदे के साथ गठबंधन किय है। लेकिन उनकी बातें खोखली है। शिवसेना ने सामना में अजित पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वे कई बार प्रदेश के सत्ता में दूसरे नंबर के मंत्री रहे है, एक बार बताए की उन्होंने कितने विकास की योजनाएं बनाई।
सामना में लिखा गया है कि स्कुलों में नफरत की शिक्षा दी जाने लगी है। यह उत्तर प्रदेश के एक मामले से पत्ता चलता है। शिक्षक के आदेश पर एक मुस्लिम छात्र को उसके साथ के छात्रों ने बेरहमी से पीटा। समाज में जहर फैलाया जा रहा है। सामना में भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा गया है कि आज देश में संविधान को तोड़ा जा रहा है। सरकार नहीं तानाशाही चलाया जा रहा है। समान में अजित पवार से प्रश्न किया गया है कि वह कैसे आंबेडकर की बात कर सकते है और कैसे आंबेडकर के विचार को आगे लेकर जाएंगे।
सामना में शरद पवार का जिक्र करते हुए कहा गया है की अजित पवार अपने चाचा एनसीपी प्रमुख शरद पवार की कृपा से 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने है। अजित पवार के शाहू-फुले-आंबेडकर वाले बयान को लेकर सामना में लिखा गया है कि आप किस शाहू-फुले-आंबेडकर के विचार को मानते है। भाजपा के पास यह विचार नहीं है।
शिवसेना वे अपने मुख्यपत्र सामना में कहा है कि अजित पवार को हमेशा सत्ता की लालच होती है। उन्हें राजनीति से संन्यास लेकर कृषि, समाजिक कार्य करना चाहिए। अगर वे ईमानदार होते तो अपने चाचा शरद पवार के मेहनत पर पानी नहीं फेरते। शरद पवार ने मेहतन के बदौलत खुद की पार्टी तैयार की है। अजित पवार को सब कुछ बनाया हुआ मिला है।
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