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इंडिया न्यूज:
Side Effects Of Corona In Children: लगभग तीन साल से चली आ रही कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। वहीं बच्चों के भविष्य को देखते हुए कोरोना महामारी के बीच कई राज्यों में छोटे से लेकर बड़े बच्चों तक के स्कूल भी खुल चुके हैं। क्योंकि दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं होने वाली हैं। लेकिन अब बच्चों को पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में कुछ मुश्किलें आ रही हैं। तो आइए जानते हैं ऐसा बच्चे क्या करें की उनका मन पढ़ाई में फिर से लग सके है।
बच्चे लेट जाएं और आंखें बंद कर लें। इस समय चाहें तो अपने पेट पर कोई किताब या कोई लकड़ी का टुकड़ा रख लें। बच्चे सांस लेते और छोड़ते समय पेट पर रखी किताब या वस्तु को हिलता महसूस करें। इस व्यायाम को अधिकतम पांच मिनट करने से बच्चे को अच्छी नींद आ जाएगी। परीक्षा के दिनों में तनावमुक्त होकर, सुकून की नींद लेने से विद्यार्थियों को अगले दिन की तैयारी के लिए सकारात्मक मानसिक स्थिति बनाने में मदद मिलती है।
सृजनशीलता बढ़ाने और तनाव घटाने में यह गतिविधि मदद करती है। बच्चे अपनी आंखें बंद करके, सुकून से बैठ जाएं। अब उस रंग की कल्पना करें, जो उन्हें सुकून देता है, अच्छा लगता है। अब अपने तनाव, गुस्से आदि जैसे नकारात्मक भाव को भी एक रंग दें। अब गतिविधि शुरू करें। सांस लेते समय कल्पना करें कि सांस के साथ अच्छा रंग उनके फेफड़ों में भर रहा है और सांस छोड़ने पर नकारात्मक रंग बाहर जा रहा है। 10 बार इस गतिविधि को करने से तनाव भी दूर होगा और मन भी अच्छा होगा।
टहलना मन को शांत करने का सबसे अच्छा जरिया माना जाता है। परीक्षा के तनाव से दूर करने के लिए बच्चे को अकेले ही घर के भीतर या बाहर टहलने को कहें। उससे कहिए कि टहलते समय पांच से छह कदम चले लेकिन पूरे ध्यान से। ध्यान दे कि शरीर आगे झुका हुआ है, पैर कहां पड़ रहे हैं, सतह कैसी है, आस-पास पौधे हैं, वातावरण कैसा है आदि। ध्यानपूर्वक ऐसा करने से मन से परीक्षा का तनाव पूरी तरह हट जाएगा और बच्चे का ध्यान अपने वातावरण में रमने लगेगा। चंद मिनटों की इस चहलकदमी से बच्चे में नई ऊर्जा का संचार होगा।
यह व्यायाम रिलैक्सिंग के साथ-साथ नई ऊर्जा से भरने वाला है। इसे परीक्षार्थियों के अधिक उपयोग का कह सकते हैं क्योंकि यह तनाव घटाने में मदद करेगा। बच्चों से कहिए कि आराम से पलंग पर लेट जाएं। आंखें बंद कर लें। अब पूरा ध्यान अपने शरीर के विभिन्न अंगों पर केंद्रित करते जाएं। पैरों की उंगलियों, फिर पिंडली, पैर, जांघें, कमर, पेट से होते हुए ध्यान को क्रमानुसार सिर की ओर लेकर आने को कहें। इस दौरान सुकून से सांस लेते रहें। जब ध्यान आंखों और सिर तक आएगा, बच्चा रिलैक्स महसूस करने लगेगा। (Side Effects Of Corona In Children)
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