India News (इंडिया न्यूज), Sixth Generation Fighter Jet: दुनिया में छठी पीढ़ी के फाइटर जेट को लेकर चल रही होड़ को लेकर एक भारतीय अधिकारी ने बड़ी बात कही है। भारत की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के एक अधिकारी का कहना है कि छठी पीढ़ी के फाइटर जेट को जरूरत से ज्यादा प्रचारित किया जा रहा है। इसका इतना प्रचार किया जा रहा है कि इसने भारतीय 5.5 पीढ़ी के एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन अपने छठी पीढ़ी के फाइटर एयरक्राफ्ट को लेकर जो प्रचार कर रहे हैं, हकीकत उससे काफी अलग है। अधिकारी का यह भी कहना है कि छठी पीढ़ी के एयरक्राफ्ट को एडवांस बनाने वाली खूबियां AMCA में भी होने वाली हैं।
AMCA भारत का 5.5 पीढ़ी का फाइटर जेट है, जो साल 2028 तक अपनी पहली उड़ान भरेगा। ADA अधिकारी ने रक्षा मामलों की वेबसाइट idrw.org को बताया कि AMCA में भी वही खूबियां होंगी, जो छठी पीढ़ी के फाइटर जेट में बताई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि छठी पीढ़ी के फाइटर जेट की चुनिंदा खूबियां इसमें होंगी। उनका यह भी कहना है कि दूसरे देशों के फाइटर जेट AMCA जितने सक्षम और एडवांस नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि एएमसीए भारत की महत्वाकांक्षाओं की स्पष्ट तस्वीर दिखाता है, जबकि अमेरिका, चीन और यूरोपीय देश अपनी छठी पीढ़ी के विमानों के बारे में जो बात कर रहे हैं, वह जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा है, इससे पता चलता है कि उनकी महत्वाकांक्षाओं और वास्तविकता में कितना अंतर है।
Sixth Generation Fighter Jet (भारत बना रहा छठे संस्करण का फाइटर जेट)
अधिकारी ने कहा कि अमेरिका और चीन छठी पीढ़ी के हथियार विकसित करने के लिए सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, जो लंबी दूरी की क्षमताओं का वादा करते हैं, लेकिन वे उस बेंचमार्क पर लड़खड़ाते दिख रहे हैं। वे अभी तक एक फंक्शनल वेरिएबल साइकिल इंजन (वीसीई) का प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, जो छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए सबसे जरूरी है। वीसीई को छठी पीढ़ी के प्रणोदन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, जो हमले के लिए हवा के प्रवाह को गतिशील रूप से समायोजित करता है। इससे इसकी हमले की सीमा 30 प्रतिशत बढ़ जाती है और बेहतर थर्मल प्रबंधन भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि न तो अमेरिका और न ही चीन एक कार्यात्मक वीसीई का प्रदर्शन कर पाया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका अभी भी एक्सए 100 का परीक्षण कर रहा है, जबकि चीन अपनी पांचवीं पीढ़ी के जे-20 के डब्ल्यूएस-15 इंजन के साथ अटका हुआ है, छठी पीढ़ी की तो बात ही छोड़िए। उन्होंने कहा कि ये देश पुराने इंजन के साथ उड़ान भर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि भारत का 5.5 पीढ़ी का एएमसीए 2028 तक अपनी पहली उड़ान भरेगा। उनका कहना है कि छठी पीढ़ी के फाइटर जेट के ओवरहाइप ने एएमसीए को पीछे छोड़ दिया है, जबकि भारत के एएमसीए में वो सभी खूबियां होने वाली हैं जो छठी पीढ़ी के फाइटर जेट में हैं।
2020 में अमेरिका ने नेक्स्ट जनरेशन एयर डोमिनेंस (एनजीएडी) प्रोग्राम के तहत एक प्रोटोटाइप उड़ाया था, जिसे अगली पीढ़ी का विमान बताया गया था। हालांकि, इसके इंजन की डिटेल अभी तक सामने नहीं आई है। दूसरी ओर, चीन के छठी पीढ़ी के विमान की चर्चा पिछले साल तब शुरू हुई जब उसने एक उड़ते हुए लड़ाकू विमान का वीडियो जारी किया, जिसमें पूंछ नहीं थी। इसके बाद चर्चा शुरू हुई कि वह अगली पीढ़ी का विमान तैयार कर रहा है।
यूरोपीय देशों में भी छठी पीढ़ी के विमानों की होड़ लगी हुई है। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन मिलकर इस काम में लगे हुए हैं। ब्रिटेन का ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम (GCAP) और फ्रेंको-जर्मन-स्पेनिश फ्यूचर कॉम्बैट एयर सिस्टम (FCAS) मिलकर छठी पीढ़ी के VCE को विकसित कर रहे हैं। अधिकारी का कहना है कि इन देशों के छठी पीढ़ी के विमान AMCA जितने सक्षम नहीं होंगे। वे न तो 27 टन का भार लेकर उड़ पाएंगे और न ही डेटा फ्यूजन और AI जैसी क्षमताओं से लैस होंगे, जो पहले से ही हमारे रोडमैप का हिस्सा हैं।