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India News (इंडिया न्यूज), Sonam Wangchuk: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के कई अन्य लोगों ने बुधवार (2 अक्टूबर, 2024) की शाम महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और बाद में कहा कि उन्हें पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया है और उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया है। समूह ने सरकार को अपनी मांगों को सूचीबद्ध करते हुए एक ज्ञापन दिया और उन्हें जल्द ही शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक का आश्वासन दिया गया है।
इस मामले पर सोनम वांगचुक ने कहा कि, उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया है। सोनम वांगचुक ने महात्मा गांधी के स्मारक का दौरा करने के बाद कहा कि, “हमने सरकार को ऐसे संवैधानिक प्रावधानों के तहत लद्दाख की रक्षा करने के लिए एक ज्ञापन दिया है, ताकि इसकी पारिस्थितिकी को संरक्षित किया जा सके। इस मामले में यह छठी अनुसूची है, जो स्थानीय लोगों को संसाधनों पर शासन और प्रबंधन का अधिकार देती है।”
इस पर बोलते हुए सोनम वांगचुक ने कहा कि, “हमने लद्दाख के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था की मांग की है और छठी अनुसूची भी इसका हिस्सा है। हमें आश्वासन दिया गया है कि हम शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे और कुछ दिनों में बैठक की तारीख की पुष्टि की जाएगी।” एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की है कि, सोनम वांगचुक और अन्य सभी पदयात्रियों को शाम को रिहा कर दिया गया। उन्हें इकट्ठा न होने या कोई यात्रा न करने के आश्वासन के बाद जाने की अनुमति दी गई, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के मध्य भागों में धारा 163 लागू है।”
#WATCH | Delhi | Ladakh activist Sonam Wangchuk says, “More than 150 Padyatri reached Delhi from Leh. We faced some problems when we reached Delhi due to detention. But, whatever happens, it happens for good and we are happy that our message of environmental conservation reached… https://t.co/IkCCRkBf08 pic.twitter.com/9z5g3V4fGD
— ANI (@ANI) October 2, 2024
पुलिस सूत्रों ने कहा कि, सोनम वांगचुक सरकार के साथ बैठक करने के लिए कुछ और दिनों तक दिल्ली में रह सकते हैं। वांगचुक ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत 15 दिनों के भीतर फिर से शुरू होगी। हम आपको बता दें कि, वांगचुक एक महीने पहले लेह से शुरू हुई दिल्ली चलो पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे थे। केंद्र शासित प्रदेश के लिए संविधान की छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर दिल्ली की ओर मार्च कर रहे लद्दाख के लगभग 170 लोगों को सोमवार रात दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया गया और उन्हें अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया, जहां वे भूख हड़ताल पर बैठ गए।
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