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दुनिया के सबसे ताकतवर देश से भारत को मिला ऐसा 'ब्रह्मास्त्र’, सुनकर कांप जाएंगे चीन-पाकिस्तान

BY: Sohail Rahman • LAST UPDATED : September 12, 2024, 5:27 pm IST
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दुनिया के सबसे ताकतवर देश से भारत को मिला ऐसा 'ब्रह्मास्त्र’, सुनकर कांप जाएंगे चीन-पाकिस्तान

Sub Marine Image

India News (इंडिया न्यूज), Sonobuoys: केंद्र में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है। तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार भारत की सुरक्षा को लेकर काम कर रहे हैं। भारत अब हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है। केंद्र की मोदी सरकार लगातार भारतीय सेना के बेड़े में आधुनिक हथियारों को शामिल कर रहे हैं। ताकि किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। अब भारत की और सुरक्षा बढ़ने वाली है। दरअसल भारत और अमेरिका के बीच एंटी-सबमरीन वारफेयर सोनोबॉय और संबंधित उपकरणों की संभावित विदेशी सैन्य बिक्री के लिए डील फाइनल हो गई है। ध्वनिक सेंसर वाले सोनोबॉय से लैस होने के बाद भारतीय नौसेना समुद्र के अंदर दुश्मन की पनडुब्बियों की बेहद धीमी आवाज को भी बेहद आसानी से सुन सकेगी। इसके जरिए समुद्र में भारत की सुरक्षा और मजबूत होने जा रही है।

समझौते की अनुमानित लागत होगी 52.8 मिलियन डॉलर

भारत की समुद्री सुरक्षा में और अधिक वृद्धि होने वाली है। एंटी-सबमरीन वारफेयर सोनोबॉय और संबंधित उपकरणों की संभावित विदेशी सैन्य बिक्री के लिए डील फाइनल हो गई है। इस समझौते की अनुमानित लागत 52.8 मिलियन डॉलर होगी। आखिर भारत को सोनोबॉय की जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल सोनोबॉय एक पोर्टेबल सोनार सिस्टम है। सोनार सिस्टम के जरिए पानी में ध्वनि तरंगें छोड़ी जाती हैं। अगर कोई पनडुब्बी, जहाज या कोई अन्य वस्तु इससे टकराती है तो उसकी प्रतिध्वनि सुनाई देती है।

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कितने तरह का होता है सोनोबॉय 

सोनोबॉय मुख्य रूप से तीन तरह के होते हैं। सक्रिय, निष्क्रिय और विशेष उद्देश्य वाले सोनोबॉय। सोनोबॉय के जरिए भारतीय नौसेना समुद्र में पाकिस्तान और चीन जैसे कट्टर दुश्मनों के नापाक मंसूबों को करारा जवाब देगी। भारत में एमएस-60 आर हेलीकॉप्टरों की पहली स्क्वाड्रन तैयार हो गई है। ध्वनिक सेंसर वाले सोनोबॉय (पनडुब्बी रोधी युद्ध सोनोबॉय) से लैस होने के बाद भारतीय नौसेना समुद्र के अंदर दुश्मन की पनडुब्बियों की हल्की से हल्की आवाज को भी सुन पाएंगे। अमेरिकी मूल के एमएच-60 आर हेलीकॉप्टर भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध करने की क्षमता बढ़ाकर खतरों से निपटने की क्षमता को बढ़ाएंगे। साथ ही युद्ध के दौरान दुश्मन की पनडुब्बियों को नष्ट करना बेहद आसान हो जाएगा भारत ने एमएस-60आर हेलीकॉप्टरों की अपनी पहली स्क्वाड्रन बनाई है।

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