India News (इंडिया न्यूज),UP: यूपी में उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) और BJP के बीच रस्साकशी बढ़ गई है। हालाकि अभी उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। सपा ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में यादव और मुस्लिम बीएलओ और सुपरवाइजर को हटाने का आरोप लगाया है।
शुक्रवार को इस संबंध में चुनाव आयोग और यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत भेजते हुए मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट से हटाए गए सुपरवाइजर की सूची भी सौंपी है। इससे पहले खुद अखिलेश यादव यादव और मुस्लिम कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने का आरोप लगा चुके हैं। अयोध्या सांसद ने तो यादव और मुस्लिम मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने का आरोप लगाते हुए 2022 की सूची से उपचुनाव कराने की मांग तक कर दी है।
Before the by-elections in UP, there is a dispute over Yadav-Muslim employees, SP reached the Election Commission and also submitted the list
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के अनुसार समाजवादी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को संबोधित ज्ञापन में मुरादाबाद के कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम बीएलओ और पर्यवेक्षकों को हटाकर उनके स्थान पर गैर यादव और गैर मुस्लिम बीएलओ और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति किए जाने की शिकायत की है। साथ ही कहा गया है कि इसकी जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त और दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई है।
सपा ने अपनी शिकायत में 12 पर्यवेक्षकों के नाम भी दिए हैं। साथ ही बताया है कि किसे हटाया गया और उनकी जगह किसे नियुक्त किया गया है। साथ ही कहा गया है कि यह तो महज उदाहरण है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में और भी बदलाव किए गए हैं। चुनाव से पहले जाति व धर्म के आधार पर बीएलओ व सुपरवाइजर बदलना अलोकतांत्रिक व असंवैधानिक है और साथ ही निष्पक्ष चुनाव पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा चुनाव आयोग को दी गई सूची के अनुसार भाग संख्या एक में पर्यवेक्षक फिरोज हैदर के स्थान पर सुंदर लाल वर्मा, भाग संख्या तीन में यामिनी के स्थान पर रितु अग्रवाल, भाग संख्या चार में महजबी के स्थान पर शशि चौधरी, भाग संख्या छह में निजामुद्दीन के स्थान पर महिपाल सिंह, भाग संख्या सात में सेहला आरिफ के स्थान पर मनीषा अग्रवाल, भाग संख्या 10 में हबीबुल्लाह के स्थान पर अनीता माथुर को नियुक्त किया गया है।
इसी प्रकार भाग संख्या 11 में मंजूरानी के स्थान पर कल्पना कुसुम, भाग संख्या 12 में शाइस्ता जमाल के स्थान पर कंचन रावत, भाग संख्या 15 में फरीदा यासमीन के स्थान पर निधि अग्रवाल, भाग संख्या 19 में अबनेहसन के स्थान पर नेहा, भाग संख्या 20 में सवाहत नफीस के स्थान पर रश्मि रानी तथा भाग संख्या 21 में रिजवान हुसैन के स्थान पर देवेंद्र कुमार को नियुक्त किया गया है।
इससे पहले अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा था कि जब जनता उपचुनाव में भी भाजपा को हराने के लिए मैदान में उतरी है, तो भाजपा कुछ अफसरों को हटाने के लिए चाहे जितनी भी सरकारी-प्रशासनिक नौटंकी कर ले, उसे हारने से कोई नहीं रोक सकता। यह भी देखना होगा कि उनकी जगह आने वाले अफसरों की निष्पक्षता की गारंटी कौन लेगा।
उन्होंने लिखा कि कुछ खास अफसरों को चुनाव जिम्मेदारी से हटाने की बात करके भाजपा ने यह स्वीकार कर लिया है कि उनकी सरकार में शायद अफसरों के स्तर पर कुछ चुनावी घोटाले होते हैं। इसकी जिम्मेदारी सिर्फ भाजपा की अपनी सरकार पर ही नहीं, चुनाव आयोग पर भी है… चुनाव आयोग को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।
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