India News (इंडिया न्यूज), Supreme Court On Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सभी राज्यों को कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए सभी भौतिक कक्षाएं बंद करने का तत्काल निर्णय लेना चाहिए। जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्देश मांगने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत प्रदूषण विरोधी प्रतिबंधों को लागू करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को कड़ी फटकार लगाई।
विशेष रूप से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार को बढ़कर 486 हो गया, जो इस मौसम का सबसे खराब स्तर था और लगातार दूसरे दिन गंभीर प्लस श्रेणी में रहा। सीएक्यूएम ने सोमवार से जीआरएपी के चरण 4 को लागू किया है और दिल्ली सरकार ने कक्षा 10 और 12 के छात्रों को छोड़कर सभी छात्रों के लिए भौतिक कक्षाएं बंद कर दी हैं। पीठ ने दिल्ली सरकार को अदालत की अनुमति के बिना जीआरएपी IV मानदंडों को आसान नहीं बनाने का निर्देश दिया।
Supreme Court On Pollution(बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला)
कैलाश गहलोत ने केजरीवाल को मझधार में क्यों छोड़ा? भगवा पकड़ने के बाद खुद खोला राज
अदालत ने कहा, “अगर AQI 400 से नीचे भी चला जाता है, तो भी आप चरण 4 के उपायों को जारी रखेंगे। यही वह आदेश है जिसे हम पारित करने का प्रस्ताव रखते हैं।” याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने अदालत से निर्देश मांगा कि कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए भी शारीरिक कक्षाएं निलंबित कर दी जानी चाहिए। बार एंड बेंच ने अधिवक्ता के हवाले से कहा, “10वीं और 12वीं के छात्रों के फेफड़े अन्य छात्रों से अलग नहीं हो सकते। अगर उन शारीरिक कक्षाओं को भी रोकने का निर्देश दिया जा सकता है।” इसके बाद अदालत ने सभी राज्यों को कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए भी सभी शारीरिक कक्षाएं रोकने के लिए तत्काल निर्णय लेने का निर्देश दिया।