Hindi News / Indianews / Story Of Malala Yousafzai

Story Of Malala Yousafzai कहानी उस पाकिस्तानी लड़की मलाला की, जो आज है पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत

Story Of Malala Yousafzai इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: जिस उम्र में बच्चे अक्सर अपने माता पिता से अपनी मांगें पूरी करवाने की जिद किया करते हैं, उस उम्र में पाकिस्तान की एक लड़की ने दूसरी लड़कियों के लिए हक लड़ाई शुरू की और लड़कियों की शिक्षा पर जोर देना शुरू किया। इस लड़ाई उस नन्ही […]

BY: Bharat Mehndiratta • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

Story Of Malala Yousafzai
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

जिस उम्र में बच्चे अक्सर अपने माता पिता से अपनी मांगें पूरी करवाने की जिद किया करते हैं, उस उम्र में पाकिस्तान की एक लड़की ने दूसरी लड़कियों के लिए हक लड़ाई शुरू की और लड़कियों की शिक्षा पर जोर देना शुरू किया। इस लड़ाई उस नन्ही बच्ची को तालिबान ने गोली भी मारी। हम बात कर रहे हैं सबसे कम 17 वर्ष की उम्र में शांति का नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाली मलाला यूसुफेजई की, जिन्होंने हाल ही में शादी कर ली है।

100+ Unique Quotes by Malala Yousafzai

बेंगलुरू का सन सिटी अपार्टमेंट बना आवारा कुत्तों का घर, लोगों का घर से निकलना हुआ दूभर, कथित तस्करी का मामला भी आया सामने

Story Of Malala Yousafzai

मलाला यूसुफेजई का जन्म 12 जुलाई, 1997 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के स्वात में हुआ। 2007 से 2009 तक तालिबान ने स्वात घाटी पर अपना कब्जा कर लिया था। तालिबानियों के डर से लोगों ने अपनी लड़कियों को स्कूल भेजना बंद कर दिया था। इतना ही नहीं, 400 से ज्यादा स्कूल बंद हो गए थे। इसमें मलाला का स्कूल भी शामिल था। मलाला उस वक्त 8वीं कक्षा में पढ़ती थी। यही से शुरू हुई मलाला के संघर्ष की कहानी।

पहले ही भाषण में तालिबान को दिया था करारा जवाब (Story Of Malala Yousafzai)

मलाला यूसुफजई शुरू से ही पढ़ाई में काफी तेज थी। सिर्फ 11 साल की उम्र में मलाला ने पेशावर में नेशनल मीडिया के सामने एक ऐसा भाषण दिया जिसने सभी को हैरान और तालिबान को परेशान कर दिया था। इस भाषण का शीर्षक था हाउ डेयर द तालिबान टेक अवे माय बेसिक राइट टू एजुकेशन? इस घटना ने मलाला की जिंदगी बदल कर रख दी। इसके बाद मलाला सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, पूरे विश्व में भाषण देने और लोगों को जागरूक करने जाने लगी। छोटी सी उम्र में ही मलाला ने यूएन में भी भाषण दिया था।

तालिबानी की बंदूक को कलम से दिया जवाब (Story Of Malala Yousafzai)

तालिबान लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ था। इसलिए उन्होंने लड़कियों के कई स्कूल बंद कर दिए थे। इसी कारण मलाला और उसकी सहेलियों की शिक्षा भी प्रभावित हुई थी। यह बात मलाला को चुभ सी गई थी। मलाला ने तालिबान को जवाब देने की ठान ली, इस लड़ाई में मलाला ने कलम को अपना हथियार बनाया और डायरी लिखना शुरू किया।

2009 से Malala Yousafzai ने बीबीसी के लिए एक डायरी लिखी, जिसमें उन्होंने स्वात घाटी में तालिबान की करतूतों की सारी पाल खोल कर रख दी। मलाला ने इसमें जिक्र किया था कि टीवी देखने पर रोक के चलते वह अपना पसंदीदा भारतीय सीरियल राजा की आएगी बारात नहीं देख पाती थी। इससे तालिबानी बौखला उठे।

स्कूल बस में आतंकी ने सिर में मारी गोली

Story Of Malala Yousafzai

मलाला की डायरी से तालिबानियों को सांस लेना मुश्किल हो रहा था। इसी कारण तालिबानियों ने 9 अक्टूबर, 2012 को मलाला को स्कूल बस के अंदर सीधे सिर पर गोली मार दी थी। पहले आतंकियों ने मलाला की स्कूल बस पर कब्जा किया और फिर लड़कियों से पूछा कि मलाला कौन है।

तभी बाकी कुछ लड़कियां बिना कुछ बोले मलाला की ओर देखने लगी और इतने में ही एक आतंकी ने मलाला के सिर में गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल मलाला को इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया। पूरी विश्व में मलाला के स्वस्थ होने की दुआएं की गई और आखिरकार मलाला वहां से स्वस्थ होकर पाकिस्तान लौट आई।

शादी पर दिए बयान के बाद हुआ था बवाल (Story Of Malala Yousafzai)

Story Of Malala Yousafzai

एक बार मलाला यूसुफजई एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू के बाद विवादों में आ गई थी। मलाला ने वोग मैगजीन को इंटरव्यू दिया था जिसमें शादी और पार्टनरशिप पर बातचीत की गई थी। Malala Yousafzai की फोटो इस ब्रिटिश फैशन मैगजीन वोग के जुलाई अंक के कवर पेज पर आई थी।

इसमें मलाला ने कहा था कि मुझे यह बात समझ में नहीं आती कि लोग शादी क्यों करते हैं. अगर आपको जीवनसाथी चाहिए तो आप शादी के कागजों पर दस्तखत क्यों करते हैं, यह एक पार्टनरशिप क्यों नहीं हो सकती? इस बयान के बाद पाकिस्तान और सोशल मीडिया में मलाला का काफी विरोध भी हुआ था। हालांकि ये कोई पहली बार नहीं हुआ था। मलाला यूसुफजई का दिया गया लगभग हर बयान पाकिस्तान में चर्चा का विषय बन जाता है।

Also Read : मलाला यूसुफजई ने रचाई शादी

मलाला के जन्मदिन को यूएन मनाता है मलाला दिवस

छोटी से उम्र में ही लड़कियों की शिक्षा के हकों की लड़ाई लड़ने वाली मलाला के नाम पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक दिवस भी घोषित किया हुआ है। मलाला के 16वें जन्मदिन पर यूएन ने 12 जुलाई को मलाला दिवस घोषित किया है।

इस दिन मिला दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान

मलाला को 10 दिसंबर 2014 के दिन दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कार शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम नॉर्वे में आयोजित हुआ। इसमें भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रुप से नोबले पुरस्कार प्रदान किया गया। इस वक्त मलाला की उम्र सिर्फ 17 वर्ष थी। इस तरह मलाला सबसे कम उम्र में नोबेल प्राप्त करने वाली विजेता बन गईं।

Read More : Malala Yousafzai’s Statement आतंकवाद आखिर आतंकवाद ही होता है : मलाला यूसुफजई

Connect With Us : Twitter Facebook

Tags:

MalalaMalala Yousafzainikah

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद रिटायरमेंट लेंगे रोहित शर्मा? गिल ने दिया ऐसा जवाब; सुन बढ़ जाएंगी ‘हिटमैन’ के फैंस की धड़कनें!
चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद रिटायरमेंट लेंगे रोहित शर्मा? गिल ने दिया ऐसा जवाब; सुन बढ़ जाएंगी ‘हिटमैन’ के फैंस की धड़कनें!
पेंट की जेब में हेरोइन लेकर घूम रहा था युवक, पुलिस ने दबोचा, 4 दिन के पुलिस रिमांड के दौरान नशा तस्करी को लेकर हो सकते हैं बड़े खुलासे 
पेंट की जेब में हेरोइन लेकर घूम रहा था युवक, पुलिस ने दबोचा, 4 दिन के पुलिस रिमांड के दौरान नशा तस्करी को लेकर हो सकते हैं बड़े खुलासे 
श्री श्याम फाल्गुन मेले को लेकर तैयारियां की पूरी, परिसर में 42 सीसीटीवी कैमरे की रहेगी निगरानी, 10 लाख भक्तों के आने की उम्मीद
श्री श्याम फाल्गुन मेले को लेकर तैयारियां की पूरी, परिसर में 42 सीसीटीवी कैमरे की रहेगी निगरानी, 10 लाख भक्तों के आने की उम्मीद
कथा के दौरान फफक-फफक कर रोए धीरेंद्र शास्त्री, देश-विदेश से आए भक्त हुए हैरान; जानें क्या रही बड़ी वजह?
कथा के दौरान फफक-फफक कर रोए धीरेंद्र शास्त्री, देश-विदेश से आए भक्त हुए हैरान; जानें क्या रही बड़ी वजह?
जर्जर होती सड़कों और नहरों के पुल की रेलिंग को लेकर सांसद सैलजा ने सीएम को लिखा पत्र, कहा- जर्जर सड़के और नहरों के पुलों पर रेलिंग न होने पर बढ़ रहे है हादसे
जर्जर होती सड़कों और नहरों के पुल की रेलिंग को लेकर सांसद सैलजा ने सीएम को लिखा पत्र, कहा- जर्जर सड़के और नहरों के पुलों पर रेलिंग न होने पर बढ़ रहे है हादसे
Advertisement · Scroll to continue