India News (इंडिया न्यूज़), Odisha High School, बालासोर: ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। प्रशासन, रेल विभाग ने लगातार काम किया और पीड़ितों तक राहत पहुंचाने की कोशिश की। घटना में कुल 288 यात्रियों (Odisha High School of Dead bodies) की मौत हुई और 1000 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
अब यहां प्रशासन के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है। मामला बालासोस के ही बहनागा गांव का है। बहनागा रेलवे स्टेशन के पास ही रेल हादसा हुआ था। जब हादसे में बहुत ज्यादा शव मिलने लगे और अस्पतालों में जगह कम पड़ गई तब गांव के हाई-स्कूल की बिल्डिंग को अस्थायी रूप से मुर्दाघर बनाया गया।
इस स्कूल की इमारत 65 साल पुरानी है। यहां सफेद कफनों के कई शवों को रखा गया था। समस्या यह आ गई है कि माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल को अब भेजने से डर रहे है। स्कूल प्रबंधन समिति ने कहा कि यह इमारत पुरानी हो चुकी है इसलिए सरकार को इसे गिरा देना चाहिए। 65 साल पुराने इस स्कूल की इमारत में सफेद कफनों में लिपटे शवों को रखा गया था. अब स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता बच्चों को स्कूल भेजने में घबरा
हाई स्कूल की प्रिसिंपल प्रमिला स्वैन के अनुसार स्कूल में पढ़ने वाले छोटे बच्चे डरे हुए हैं। स्कूल ने बच्चों के मन से डर को निकालने के लिए ‘आध्यात्मिक कार्यक्रम’ आयोजित करने और अनुष्ठान कराने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि स्कूल के कुछ सीनियर छात्र और एनसीसी कैडेट भी बचाव कार्य में शामिल हुए थे।
जिले ने कलेक्टर ने मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाया। मौके पर जानें के बाद कलेक्टर ने कहा कि मैंने स्कूल का दौरा किया हुआ है और ये भवन काफी पुराना है और ये कभी भी गिर सकता है। इस भवन के बैकअप के लिए नए भवन का निर्माण किया जा रहा है। छात्र उस भवन में अस्थायी रूप से शिफ्ट कर दिए जाएंगे क्योंकि स्कूल 16 जून से खुलने वाले हैं। छात्र इस पुराने भवन की वजह से डर रहे थे। बच्चों और शिक्षकों के काउंसलिंग के लिए काउंसलिंग टीम भेजी जा रही है।
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