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इंडिया, न्यूज, नई दिल्ली
Supreme Court Order सुप्रीम कोर्ट ने केरल के प्रसिद्ध श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर के प्रबंधन को लेकर चल रहे राज परिवार और मंदिर ट्रस्ट के बीच रस्साकशी में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ट्रस्ट से कहा है कि वह बीते 25 साल के खर्च का ब्योरा दे। मंदिर ट्रस्ट ने पिछले 25 वर्ष के हिसाब का ब्योरा देने से छूट पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया कि मंदिर ट्रस्ट को 25 वर्ष के खर्चे और इनकम का आॅडिट कराना होगा। कोर्ट ने कहा कि इस आॅडिट में मंदिर के साथ ही ट्रस्ट का भी वित्तीय लेखा-जोखा शामिल होगा। मंदिर की प्रशासकीय कमेटी ने कोर्ट में यह भी कहा था कि वह आर्थिक संकट से जूझ रही है और मंदिर ट्रस्ट उनकी रोजाना की जरूरतों को पूरा करने की अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है।
कोर्ट ने आडिट पूरा करने के लिए तीन महीने का समय दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला बीते हफ्ते सुरक्षित रखा था। बीते साल इस मंदिर के खजाने का आॅडिट कराने का आदेश दिया गया था लेकिन मंदिर ट्रस्ट ने आॅडिट से छूट पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मंदिर के आडिट में लगी एक निजी सीए फर्म ने मंदिर ट्रस्ट से बीते 25 साल का आय व्यय का रिकॉर्ड जमा करने के लिए कहा था। इस के मद्देनजर ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मंदिर ट्रस्ट ने तर्क दिया था कि मंदिर के धार्मिक अनुष्ठानों के संचालन के लिए 1965 में गठित एक स्वतंत्र संस्था है और मंदिर के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन में मंदिर ट्रस्ट की कोई भूमिका नहीं है।
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