India News (इंडिया न्यूज),Nagpur Violence:महाराष्ट्र के नागपुर के महल इलाके में औरंगजेब की मजार को लेकर प्रदर्शन की अफवाह फैली। इसके बाद दो गुटों के बीच जमकर पथराव हुआ और उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। इस बीच मंगलवार को हालात काबू में हैं। कई इलाकों में धारा 163 लागू कर दी गई है। नागपुर हिंसा में उपद्रवियों ने कई वाहनों और दो जेसीबी को आग के हवाले कर दिया। 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बाकी आरोपियों की सीसीटीवी और वीडियो के आधार पर तलाश की जा रही है। साथ ही लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक उपद्रवियों ने कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। लोगों ने पुलिस पर इलाके में आने और कार्रवाई करने में देरी का आरोप लगाया है। वहीं नागपुर हिंसा और आगजनी से जुड़े कई सवाल हैं, जिनकी जांच नागपुर पुलिस कर रही है।
पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर 400 से 500 लोगों की भीड़ किसने एक साथ इकट्ठी की? इस भीड़ में ज्यादातर लोग युवा लड़के थे और एक खास धर्म के कपड़े पहने हुए थे। उन्होंने अपने चेहरे पर रूमाल और नकाब बांधे हुए थे, तो क्या उन्हें किसी खास व्यक्ति या समूह ने उकसाया था या फिर उन्हें गलत सूचना देकर भड़काया गया था?
Nagpur violence
जांच का बड़ा सवाल यह है कि भीड़ सिर्फ महल या चिटनिस पार्क या इमामवाड़ा इलाकों में ही नहीं थी, बल्कि अलग-अलग इलाकों से युवा हाथों में पत्थर और पेट्रोल की बोतलें लेकर इकट्ठा हुए थे और रास्ते में जो भी मिला उसे तोड़ते और जलाते रहे? तो उनकी योजना क्या थी, उनका नेता कौन था, भीड़ में कौन उन्हें बता रहा था कि क्या करना है, कहां जाना है, किन इलाकों को निशाना बनाना है?
जिन घरों पर किसी खास धर्म का झंडा या फोटो था, उन्हें जलाने की कोशिश की गई, कई घरों में पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई, लेकिन आग ज्यादा नहीं फैली और लोग बच गए, तो क्या लोगों को घरों में बंद करके आगजनी करके जिंदा जलाने की साजिश थी? पुलिस इस लाइन पर भी जांच कर रही है। नागपुर पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन दंगाइयों ने इतनी बड़ी संख्या में ईंट-पत्थर कहां से जुटाए, क्या औरंगजेब की मजार के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद के विरोध प्रदर्शन के बाद हमले की साजिश शुरू हुई और क्या किसी समूह ने इस भीड़ को पत्थर मुहैया कराए, क्या बोतलों में पेट्रोल भरा गया?
क्या इन हमलावरों के पास कुल्हाड़ी और धारदार हथियार भी थे क्योंकि कुछ पुलिसकर्मियों पर हथियारों से हमला किए जाने की खबरें आई हैं. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या पुलिसकर्मियों को मारने की साजिश रची गई थी क्योंकि इस हिंसा में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 5 गंभीर रूप से घायल हैं. अगर उनके पास हथियार थे तो उन्हें वो हथियार कहां से मिले, किसने मुहैया कराए?
जिस तरह से वाहनों में आग लगाई गई उससे भी साबित होता है कि दंगाइयों की योजना बाजार इलाकों में बड़ी तबाही मचाने की थी, तो इन दंगाइयों को इस योजना पर काम करने के लिए किसने कहा, क्या सोशल मीडिया के जरिए भीड़ जुटाई गई, क्या बदला लेने या हमला करने की कोई अपील की गई, पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।
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