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खेलों और आर्मी में हरियाणा के योगदान के बारे में हर कोई वाकिफ है। देश की आर्मी में हरियाणा से करीब 10 फीसद जवान व अधिकारी हैं। हालांकि प्रदेश की जनसंख्या देश के अन्य राज्यों से बेहद कम है लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश देश के सेवा के मामले में देश के सबसे अग्रणी राज्यों में है।
डा. रविंद्र मलिक, चंडीगढ़। खेलों और आर्मी में हरियाणा के योगदान (Contribution of Haryana in Army) के बारे में हर कोई वाकिफ है। देश की आर्मी में हरियाणा से करीब 10 फीसद जवान व अधिकारी हैं। हालांकि प्रदेश की जनसंख्या देश के अन्य राज्यों से बेहद कम है लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश देश के सेवा के मामले में देश के सबसे अग्रणी राज्यों में है।
प्रदेश शहीद जवानों के परिजनों को 50 लाख की वित्तीय मदद तो दी ही जाती है और इसके अलावा कई अन्य सुविधाएं भी दी जाती है। इसी कड़ी में अब सामने आया है कि सरकार शहीदों के सम्मान में एक मुहिम शुरू करने जा रही है।
सरकार की तरफ से फैसला लिया गया है कि उनके नाम पर प्रदेश के जिलों में स्कूलों का नामांकरण होगा। इसके अलावा ये सामने आया है आने वाले समय में उनके सम्मान व देश के लिए बलिदान को देखते हुए गांव में सड़कों के नाम भी शहीदों के नाम पर होंगे। इनमें वो सड़क मार्ग शामिल होंगे जो पीडब्ल्यूडी विभाग के अंडर आते हैं और इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई हैं।
प्रदेश का जींद पहला जिला है जहां शहीदों के नाम पर स्कूलों के नाम रखने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अब 60 से ज्यादा गांव के स्कूलों के नाम शहीदों के नाम पर रखे गए हैं। सरकार द्वारा इसको लेकर एक महीने में काम पूरा करने के आदेश जारी किए गए और संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा इसको तय समय सीमा में पूरा कर लिया गया है।
मिली जानकारी अनुसार प्रदेश के अन्य जिलों में शहीदों के नाम पर स्कूलों के नामकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जींद के बाद इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर चरखी दादरी का नाम आता है जहां उपरोक्त प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बाद भिवानी को एड किया गया है। जल्दी ही गुरूग्राम में इसको लेकर काम शुरू होने वाला है।
प्राप्त जानकारी अनुसार ये सामने आया है कि जींद व उपरोक्त तीन जिलों के बाद प्रदेश के सभी 22 जिलों में शहीदों के नाम पर स्कूलों के नाम रखे जाएंगे। जो शहीद जवान या अधिकारी जिस गांव के हैं, उसी गांव के स्कूल का नाम उनके नाम पर आधारित होगा। इस प्रक्रिया को स्वतंत्रता दिवस यानी कि 15 अगस्त से पहले पूरा कर लिया जाएगा और इसको लेकर काम जारी है।
इस बात से हर कोई इत्तेफाक रखता है कि देश की सेना में भी हरियाणा का अहम योगदान है। हर साल प्रदेश के कितने ही जवान देश के लिए अपने प्राणों का आहुति देते हैं। (10 percent youth in the army from Haryana)
बता दें कि 7 मई को जम्मू कश्मीर के बारामूला में ड्यूटी के दौरान मेजर रघुनाथ अहलावत शहीद हो गए। आंकड़ों के अनुसार देश की सेना में हरियाणा से करीब 10 फीसद जवान हैं। बता दें प्रदेश के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, रोहतक, झज्जर, जींद, सोनीपत व पानीपत समेत तमाम जिलों के युवा सेना में भर्ती हो कर देश का सेवा कर रहे हैं।
कैथल में हरियाणा शहीद स्मारक (Haryana Martyrs Memorial in Kaithal) को पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए बनाया गया था जिससे वर्ष 2013 में लोकार्पित किया गया था। इसके साथ ही यहां पर 19 स्मरण पट्टिकाएं बनी हुई हैं।
जिन पर विभिन्न युद्धों में शहीद हुए शहीदों के नाम, रैंक, रेजिमेंट और गांव का नाम लिखा गया है ताकि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति यहां आए तो अपने जिले, गांव और शहीद का नाम देखकर गौरव महसूस कर सके।
19 जिलों के 1448 शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों (freedom fighters) को दिया गया है सम्माने हरियाणा शहीद स्मारक में 19 स्मरण पट बनाए गए हैं जिसमें से इनमें 18 स्मरण पटों पर नाम लिखे गए हैं, जबकि एक स्मरण पट अभी खाली है जिसमें आने वाले समय में नाम लिखे जा सकते हैं।
एक-एक स्मरण पट पर 70 से 97 तक नाम लिखे गए हैं। यहां पर कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, रोहतक, हिसार, सिरसा, फरीदाबाद, गुड़गांव, फतेहाबाद, अम्बाला, भिवानी, जींद, झज्जर, महेंद्रगढ़, पानीपत, पंचकूला, रेवाड़ी, सोनीपत जिलों के 1428 शहीदों के नाम लिखे गए हैं
जींद जिले में 60 से अधिक गांव के स्कूलों के नाम वहां के शहीदों के नाम पर रख दिए गए हैं और इस काम को तय समय में पूरा कर लिया गया है। चरखी दादरी, भिवानी में प्रक्रिया जारी है तो गुरूग्राम में जल्दी ही इस काम को शुरू कर दिया जाएगा। इस साल स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) से इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश में शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का भी प्रावधान है।
दुष्यंत चौटाला, डिप्टी सीएम।
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