संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Covid-19: देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामलों में उछाल देखा रहा है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 42618 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 29322 मामले अकेले केरल में आए हैं। 24 घंटों में कोरोना वायरस से 342 लोगों ने दम तोड़ा है। एक्सपर्ट्स ने भी कोरोना की तीसरी लहर सितम्बर और अक्तूबर के बीच में आने की संभावना जताई थी और इस बार बच्चों और युवाओं पर सबसे ज्यादा खतरा है। ऐसे में कोरोना के मामलों में फिर से वृद्धि होने पर क्या ये कहा जा सकता है कि कोरोना की तीसरी लहर फिर आ रही है या फिर दस्तक दे चुकी है और हम अभी भी लापरवाह बने हुए हैं। क्योंकि अब बहुत से लोग बिना मास्क के ही बाहर निकल रहे हैं और बाजार व सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ भी बढ़ रही है।
Also Read : कर्नाटक में कॉलेज के 32 छात्र कोरोना पॉजिटिव
कोरोना वायरस की तीसरी लहर का बच्चों पर प्रभाव को लेकर अभिभावकों के मन में कई सवाल हैं। एक्सपटर्स का मानना है कि इसको लेकर एम्स ने सीरो पॉजेटिविटी का सर्वे किया था। इसमें पता चला कि 2-17 साल के बच्चों में सीरो पॉजेटिविटी रेट 55 फीसदी था जबकिब् बड़ों में यह 63.7 फीसदी था। यानि कि कोरोना की अब तक आई लहरों में बच्चों पर भी असर हुआ है लेकिन उनके गंभीर लक्षण नहीं थे। दरअसल वायरस एस रिसेप्टर के जरिए अंदर घुसता है और ये बच्चों में कम होते हैं। इसलिए उनको कोविड का खतरा कम रहता है। इसके अलावा बच्चों की इम्यूनिटी बड़ों से बेहतर होती है। लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता कि बच्चों को कोरोना नहीं हो सकता। अगर घर में सभी व्यस्कों ने वैक्सीन लगवा ली है तो बच्चों की सुरक्षा भी बढ़ जाएगी।
केरल में कोरोना के बढ़ते मामलों को देख शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश दिया। शीर्ष न्यायालय ने केरल सरकार के 11वीं कक्षा की आफलाइन परीक्षा के फैसले पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कहीं एक बार फिर तो स्कूल बंद नहीं हो जाएंगे। खासतौर से यह देखते हुए कि कोरोना की तीसरी लहर कभी भी आ सकती है।
Also Read : कोरोना के नए वेरिएंट ‘एमयू’ में वैक्सीन प्रतिरोध के लक्षण
अगर कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है तो इसका असर बुजुर्गों पर ज्यादा हो सकता है। इसकी वजह यह है कि देश में 60 सालों से अधिक उम्र के लोगों में टीकाकरण की दर काफी कम है। वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में 60 सालों से अधिक उम्र को लोगों में कोरोना वैक्सीन कम लगी है। ऐसे में ये राज्य तीसरी लहर के लिए प्रसारक न बन जाएं।
कोरोना की दूसरी लहर में बहुत सी गर्भवती महिलाओं ने भी दम तोड़ा था। कोरोना संक्रमित ज्यादातर गर्भवती महिलाएं जब अस्पताल में आती थीं तो वह संक्रमण के आखिरी स्टेज पर होती थीं। कई मामलों में महिलाओं का आक्सीजन लेवल इतना कम होता था कि उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ता था लेकिन वे वहां भी जल्द रिकवर नहीं कर पाती थीं। ऐसे में तीसरी लहर में वह स्थिति न बने इसको लेकर गर्भवती महिलाओं को बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर कम निकलना चाहिए। जो लोग घर से बाहर जा रहे हैं उनसे दूरी बनाकर रखें और डाक्टर से सलाह लेकर वैक्सीन भी लगवा लें।
Also Read : कोरोना वैक्सीन के मुकाबले नाक से दी जाने वाली नेजल स्प्रे हो सकती है ज्यादा कारगर
अक्सर देखा जा रहा है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी कुछ लोगों में कोरोना के लक्षण आ गए। इसका मुख्य कारण लापरवाही है। अत: वैक्सीन लगवाने के बाद भी हमें बिना मास्क के बाहर नहीं निकलना चाहिए। दरअसल वैक्सीन तुरंत काम नहीं करते हैं। वैक्सीन बीमारी पैदा करने वाले वायरस के खिलाफ काम करती है और हमारे शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करती है। लेकिन इसमें कुछ हफ्तों का वक्त लग सकता है। इन कुछ हफ्तों के दौरान अगर आप सावधान नहीं हैं तो आप संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
भारत सरकार ने वैश्विक स्तर पर कोरोना के बढ़ते संक्रमण और वायरस के नए म्यूटेशन को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और चीन समेत 7 देशों से आने वाले यात्रियों के लिए फळ-ढउफ टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नई गाइडलाइन जारी कर कहा है कि इस गाइडलाइन के नियमों का पालन किया जाए। सरकार के अधिकारियों का कहना है कि भारत में डेल्टा वेरिएंट अभी भी प्रमुख बना हुआ है तो वहीं डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीजों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.