ADVERTISEMENT
होम / देश / हंगामेदार रहा संसद का शीतकालीन सत्र,लोकसभा करीब 62 घंटे और राज्यसभा तकरीबन 43 घंटे चली

हंगामेदार रहा संसद का शीतकालीन सत्र,लोकसभा करीब 62 घंटे और राज्यसभा तकरीबन 43 घंटे चली

By: Manohar Prasad Kesari

• LAST UPDATED : December 20, 2024, 6:59 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

हंगामेदार रहा संसद का शीतकालीन सत्र,लोकसभा करीब 62 घंटे और राज्यसभा तकरीबन 43 घंटे चली

Parliament session

India News (इंडिया न्यूज),Parliament Session: अठारहवीं लोक सभा और राज्यसभा का तीसरा सत्र शुक्रवार को ख़त्म हो गया। संसद के दोनों सदनों अडानी, संभल और बाबा साहब अंबेडकर जैसे मामलों की भेंट चढ़ गए। विपक्ष और विपक्ष की राजनीति और हंगामे की वजह से इस बार सदन की उत्पादकता काफी कम रही जिसे लेकर केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री किरन रिजिजू ने चिंता जताई। लोक सभा की 20 बैठकें हुईं, जो 62 घंटे तक चलीं और उत्पादकता 57.87% रही तो वहीं, राज्यसभा 43.27 घंटे चली और 40.03 फीसदी प्रोडक्टिविटी रही।

किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, बढ़ गए जमीन के रेट; CM योगी ने किए कई बड़े ऐलान

वैसे इस शीतकालीन सत्र के आखिरी दूसरे दिन में प्रोटेस्ट का वो भी रूप पक्ष और विपक्ष देखा जो पूरे देश वासियों को विश्वास नहीं हो रहे थे। 19 दिसंबर को संसद के मकर द्वार पर पक्ष और विपक्ष के आमने सामने प्रोटेस्ट करने और विपक्ष की ओर से संसद की दीवारों पर चढ़कर प्रोटेस्ट करने का नजारा भी देखने को मिला तो बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ दो सांसदों को चोट पहुंचाने को लेकर FIR भी दर्ज कराई। फिलहाल दोनों सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत RML अस्पताल में भर्ती हैं। इस हटना की वजह से संसद की मर्यादा तार तार हो गई।

इसी सत्र में बैग पॉलिटिक्स भी देखने को मिली

जहां प्रियंक गांधी फिलिस्तीन और बांग्लादेश लिखे बैग लेकर सदन पहुंची तो वहीं, अपराजिता सारंगी 1984 सिख दंगे से जुड़े बैग प्रियंका गांधी को दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के मुताबिक, संसद की गरिमा और मर्यादा को बरकरार रखना सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी होती है और सांसद के किसी भी द्वार पर प्रोटेस्ट करना सही नहीं है । अगर संसद की मर्यादा और गरिमा भंग होती है तो स्पीकर इनके खिलाफ जरुरी एक्शन ले सकते हैं, जो स्पीकर का अधिकार होता है।

राजस्थान में हो सकती है बारिश..बढ़ी सर्दी! इन जिलों में जारी हुआ अलर्ट

अब एक नजर डालते हैं कि लोकसभा में जनता के हित की

सत्र के दौरान लोक सभा में 5 सरकारी बिल्स इंट्रोड्यूस और 4 विधेयक पारित किए गए।ज़ीरो आवर के दौरान अविलंबनीय जन हित के 182 मामले और नियम 377 के तहत 397 मामले उठाए गए।इसमें भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा 13 दिसंबर, 2024 को शुरू हुई और 14 दिसंबर, 2024 को समाप्त हुई।

वहीं, राज्यसभा की बात करें तो तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक (oilfield amendment bill)और बॉयलर्स विधेयक 2024 पारित किए गए और भारत-चीन संबंधों पर माननीय विदेश मंत्री का बयान सुना। राज्यसभा में विपक्षी पार्टियों ने चेयरमैन जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया, लेकिन, उपसभापति ने तकनीकी नियमों का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया।

CM योगी ने रामलला और हनुमानगढ़ी दरबार में टेका माथा, राम मंदिर निर्माण की प्रगति का लिया जायजा

संविधान को लेकर हुई चर्चा और बाबा साहब अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया। इसे लेकर धनखड़ ने कहना है कि लगातार व्यवधान हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों में जनता के विश्वास को लगातार कम कर रहे हैं। हम भारत के लोगों से कड़ी आलोचना झेल रहे हैं जो सही नहीं है। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या इन सब आलोचनाओं के बाद आगामी बजट सत्र शीतकालीन सत्र की तरह रहेगा या फिर 140 करोड़ देशवासियों के हित का काम भी हो सकेंगे।

Rahul Gandhi के जूतों में फंसी सियासत, असली कीमत जान पकड़ लेंगे माथा

Tags:

Parliament Session

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT