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India News(इंडिया न्यूज), नवीन निशांत: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए सभी राज्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को अलर्ट रहने की जरूरत है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
इस मीटिंग के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि कोरोना का एक नया वैरिएंट पूरी दुनिया में बढ़ रहा है। भारत में ख़ासतौर पर दक्षिण भारत के राज्यों केरल, कर्नाटक आदि में इसे चिन्हितफ़ाई किया गया है। कुछ राज्यों की पॉज़िटिविटी क़रीब 20 फ़ीसदी है, ज़ाहिर सी बात है कि इन राज्यों में टेस्ट भी ज़्यादा हो रहे होंगे। केंद्र सरकार की तरफ़ से सभी राज्यों को कहा गया है कि आप लोग इसे लेकर जागरूकता बढ़ाएं। इस वैरिएंट से बहुत ज़्यादा चिंता की बात नहीं है, लेकिन हमें सावधानी बरतनी है और पैनिक भी नहीं करना है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरव भारद्वाज ने बताया कि दो हफ़्ते पहले हमने दिल्ली में वायरोलॉजिस्ट, पल्मोनोलॉजिस्ट और कम्युनिटी हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ बैठक की थी। तब हमने आदेश दिया था कि दिल्ली में जिनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाई जाए, ताकि अगर दिल्ली में कोरोना का यह वैरिएंट दिखता है, तो हम अलर्ट रहें। हमने यह भी आदेश दिया था कि अभी से कोरोना के लेवल की तैयारी की जाए। हम अपनी व्यवस्था दुरुस्त कर रहे हैं, वो चाहे बेड्स का मामला हो या ऑक्सीजन का, सब ठीक किया जा रहा है। कुछ राज्यों में नए वैरिएंट से जो डेथ के मामले रिपोर्ट हुए हैं, उनमें ज़्यादातर को-मॉर्बिड मरीज़ थे, यानी उन्हें पहले से गंभीर बीमारी थी।
सौरव भारद्वाज ने बताया की हमें सचेत रहने की ज़रूरत है ताकि यह न फैले। सरकार इसके लिए लगातार काम कर रही है। अभी तक जो रिपोर्ट है, इस वैरिएंट के 90 फ़ीसदी से ज़्यादा मरीज़ घर पर ही ठीक हो रहे हैं। बहुत कम लोग हैं, जिन्हें अस्पतालों में एडमिशन की ज़रूरत पड़ रही है. अभी दिल्ली में यह वैरिएंट नहीं दिख रहा है। लेकिन पहले ऐसा दिखा है कि साउथ के राज्यों से शुरुआत होती है, फिर महाराष्ट्र से होते हुए ईस्ट की तरह बढ़ता है।
दिल्ली में बहुत सारी अंतरराष्ट्रीय फ़्लाइट्स आती हैं, अंतरराष्ट्रीय यात्री आते हैं। मुंबई में भी ऐसा ही है। आज कुछ राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इसे लेकर पूछा था कि क्या एयरपोर्ट पर किसी तरह के प्रोटोकॉल की ज़रूरत है, लेकिन इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिली। अस्पतालों में मॉक ड्रिल के लिए कहा गया है। हम समय समय पर अस्पतालों में मॉकड्रिल करते रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे।
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