India News (इंडिया न्यूज), Crime News: कृष्णागिरी जिले में फर्जी एनसीसी कैंपों में छात्रों के यौन उत्पीड़न के छह महीने बाद, बरगुर के पास एक सरकारी स्कूल के तीन शिक्षकों को बुधवार को 13 वर्षीय छात्रा के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। लड़की के परिजनों ने स्कूल के सामने आरोपियों के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर 50 से अधिक पुलिसकर्मी पहुंचे और अधिकारियों से बातचीत के बाद विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार, सोमवार शाम को बच्ची की मां स्कूल गई और प्रधानाध्यापिका (एचएम) से पूछा कि 3 जनवरी से बीमार छुट्टी पर गई उसकी बेटी के बारे में किसी ने क्यों नहीं पूछा।
इसके बाद, प्रधानाध्यापिका और एक शिक्षिका लड़की से मिलने उसके घर गईं, जहां उसने उन्हें बताया कि 2 और 3 जनवरी को 57, 48 और 37 वर्ष की आयु के तीन शिक्षकों ने उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया था। सूत्रों ने बताया कि तीन में से दो पुरुष उसके अपने क्लास टीचर थे। अगले दिन, लड़की और उसकी मां ने प्रधानाध्यापिका और शिक्षिका के साथ बरगुर ऑल-वुमन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद, कृष्णागिरी जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों ने पीड़िता से मुलाकात की और उसे सरकारी कृष्णागिरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वन स्टॉप सेंटर में भेज दिया।
Crime News (3 साल की बच्ची के साथ 3 शिक्षकों ने कथित तौर पर किया रेप)
शिकायत के बाद, बरगुर पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम की धारा 5 (एफ) आर/डब्ल्यू 6 के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न और बीएनएस की धारा 329 (3) (आपराधिक अतिक्रमण) और 351 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया। बुधवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी (प्रभारी) ए मुनिराज और जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) थॉमसन ने स्कूल का दौरा किया। सीईओ के निर्देश पर तीनों आरोपी शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। टीएनआईई से बात करते हुए कृष्णागिरी कलेक्टर सी दिनेश कुमार ने अफवाहों का खंडन किया कि, बच्ची गर्भवती थी और उसका गर्भपात हो गया था। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने शिकायत पर तेजी से कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि बच्ची को काउंसलिंग दी गई और मेडिकल जांच कराई गई।
एआईएडीएमके महासचिव एडप्पाडी के पलानीस्वामी ने डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की निंदा की और कहा कि इस शासन में तमिलनाडु में छात्राओं और महिलाओं की कोई सुरक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि डीएमके सरकार को इस स्थिति पर शर्म आनी चाहिए और तीनों आरोपियों को अधिकतम सजा दिलाने के लिए कदम उठाने चाहिए। गौरतलब है कि जिले में फर्जी एनसीसी कैंप से जुड़े मामले में 120 से अधिक छात्रों का यौन उत्पीड़न किया गया था और 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने बाल संरक्षण पर कई निर्देश दोहराए और स्कूलों में जागरूकता अभियान शुरू किए। संकट में फंसे बच्चे और महिलाएं क्रमश: 1098 और 181 हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं।