इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Through Covid-19 Software)। कोविड-19 साफ्टवेयर के जरिए रेलवे को चूना लगाने वाले दलाल को आरपीएफ ने गिरफ्तार है। गिरफ्तार आरोपी के पास से 43 लाख रुपये के बुक हुए टिकट बरामद किए गए है। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे में यात्रियों की बढ़ती संख्या के बीच टिकटों की भारी मांग को देखते हुए अवैध कारोबार करने वाले गिरोह काफी सक्रिय हैं। यह गिरोह रेलवे की टिकट बुकिंग साफ्टवेयर में घुसपैठ कर अवैध रूप से टिकट बना देते है।
जिसके चलते भारतीय रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर यात्रियों को रेलवे की साइट पर रिजर्व टिकट पाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले को ध्यान में रखकर आरपीएफ ने ‘आपरेशन उपलब्ध’ चलाकर एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह का जाल गुजरात, महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है। यह गिरोह अपने साफ्टवेयर का नाम ‘कोविड-19’ रखा है।
रेलवे के गोपनीय जांच अभियान में करोड़ों का टिकट बनाने वाले ऐसे गिरोह को पकड़ा है। जिनके पास से 43 लाख रुपये के बुक हुए टिकट बरामद किया गया है। रेलवे में टिकटों की मांग व आपूर्ति के बीच अंतर का लाभ उठाने के लिए ऐसे दलालों का गिरोह सक्रिय हैं। जिन्हें नियंत्रित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) समय-समय पर अभियान चलाता रहता है।
इस गिरोह के बारे में पहली सूचना गुजरात के राजकोट के मन्नान वाघेला नाम के ट्रैवल एजेंट के बारे में मिली। सूचना के आधार पर आरपीएफ ने छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार किया। वाघेला कोविड-19 नामक साफ्टवेयर का उपयोग कर रहा था। जिसकी सहायता से वह थोक में रेलवे टिकट बुक कर रहा था।
उससे पूछताछ किये जाने पर मुंबई से कन्हैया गिरी नामक दलाल पकड़ा गया, जो कोविड-19, एएनएमएस बैक व ब्लैक टाइगर नाम से साफ्टवेयर बेचता था। इसके लिए वह इंटरनेट मीडिया पर अपना प्रचार भी करता था। आरपीएफ की कड़ी पूछताछ में दलाल गिरी ने कई और दलालों के नाम बताए जिन्हें साफ्टवेयर बेचा था। इनमें गुजरात के वापी के अभिषेक शर्मा प्रमुख हैं। इसके अलावा मुंबई से अमन शर्मा, बलसाड गुजरात से बिरेंद्र गुप्ता और उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर से अभिषेक तिवारी को गिरफ्तार किया गया है।
आरपीएफ कई और लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। रेलवे टिकट बुकिंग वाले अवैध साफ्टवेयर की खरीद-बिक्री करने वालों के इन गिरोहों की जांच जारी है। इन अवैध साफ्टेवयरों के साथ 43 लाख 42 हजार 750 रुपये की लागत वाले 1688 टिकटों को जब्त किया है। इन लोगों ने इससे पहले करीब 28 करोड़ 14 लाख रुपये के टिकट बेचे हैं। साफ्टवेयर से तत्काल टिकटों की बुकिंग के समय रूसी ओसीआर साफ्टेवयर से शीघ्रता से बुकिंग करते हैं और सामान्य यात्री के हितों को नुकसान पहुंचाते है।
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