India News (इंडिया न्यूज), TMC: नगर निकायों द्वारा भर्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल में आज तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और मंत्री फिरहाद हकीम के आवास के अलावा 12 स्थानों पर तलाशी ली है। मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई की एक टीम केंद्रीय बलों की एक बड़ी टुकड़ी के साथ दक्षिण कोलकाता के चेतला इलाके में हकीम के आवास पर पहुंची। बता दें फरहाद हकीम कोलकाता के महापौर भी हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई के काम शुरु करते हीं हकीम के समर्थक उनके घर के बाहर इक्ट्ठा होकर विरोध-प्रदर्शन करने लगें। वहीं उनके आवास के अलावा पूर्व मंत्री और विधायक मित्रा के उत्तर 24 परगना जिले के भवानीपुर इलाके में स्थित आवास पर भी तलाशी ली गई है।
दोनों का आवास एक दूसरे से तीन किलोमीट की दूरी पर स्थित है। वहीं अधिकारियों ने दावा किया है कि ‘जांच में खुलासा हुआ कि कामरहाटी नगर पालिका में हुई भर्तियों में विधायक मित्रा ने अहम भूमिका निभाई थी।’ बता दें की जांच सिलसिले में आज कोलकाता, कांचरापाड़ा, बैरकपुर, हलिसहर, दमदम, उत्तरी दमदम, कृष्णानगर, ताकी, कामरहाटी, चेतला, भवानीपुर सहित करीब 12 जगहों पर तलाशी ली गई है।
इस मामले को लेकर सांसद सौगत रॉय ने कहा कि ‘यह अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में राजभवन के बाहर जारी विरोध प्रदर्शन से जनता का ध्यान हटाने का प्रयास है, लगता है कि भाजपा बढ़ते हुए सार्वजनिक असंतोष को भांप रही है और वे विमर्श को बदलने के लिए हरसंभव तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह प्रतिशोध की राजनीति का एक स्पष्ट उदाहरण है।’ वहीं पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि ‘अगर तृणमूल के पास कुछ भी छिपाने जैसा नहीं है, तो वह ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई से क्यों भयभीत है।’
बता दें कि मंत्री हकीम और विधायक मित्रा को सीबीआई ने 2021 में नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार किया था। वहीं मित्रा साल 2014 में शारदा चिट फंड घोटला मामले में भी गिरफ्तार हो चुकें हैं। वहीं अब केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप है कि 2014 से 2018 के बीच राज्य के विभिन्न नगर निकायों ने पैसों के एवज में लगभग 1,500 लोगों को अवैध रूप से नियुक्त किया है।
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