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India News (इंडिया न्यूज़) Tunnel Rescue Update : बंगाली मजदूरों को निकालने की ममता बनर्जी की घोषणा: पिछले 17 दिनों से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूर अब निकाले जाने से सिर्फ 2 मीटर दूर हैं। इसके लिए सुरंग के अंदर हाथों से और पहाड़ के ऊपर मशीनों से ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है।
माना जा रहा है कि आज रात किसी भी वक्त ये आखिरी बाधा दूर हो सकती है और उन मजदूरों को नई सुबह देखने को मिल सकती है। इस बीच बचाव अभियान को लेकर राजनेता भी सक्रिय हो गए हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने टनल में फंसे बंगाली मजदूरों की मदद करने और उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए दिल्ली से एक टीम भेजी है। उनके इस ऐलान से लोग गुस्से में हैं और उन पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘हमने उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे अपने मजदूरों की मदद के लिए एक टीम भेजी है। इस टीम का नेतृत्व दिल्ली में तैनात पश्चिम बंगाल के रेजिडेंट कमिश्नर राजदीप दत्ता कर रहे हैं। उनके साथ टीम में 4 और लोग हैं। वे सिल्कयारा-बारकोट सुरंग में फंसे बंगाल के 3 मजदूरों की मदद करेंगे और उन्हें सुरक्षित उनके घर लौटने में मदद करेंगे।
स्वाति नाम की इंटरनेट यूजर ने भी चुटकी लेने का मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने लिखा, ‘तो बचाव अभियान के आखिरी दिन आखिरकार उन्हें एहसास हुआ कि पश्चिम बंगाल के 3 श्रमिक भी सुरंग में फंसे हुए थे। बडीया है।’
रोहित गट्टानी नाम के एक सोशल मीडिया यूजर लिखते हैं, ‘आखिरकार जब सब कुछ हो गया तो वह श्रेय लेने पहुंच गई। ठीक वैसे ही जैसे केजरू श्रेय लेने के लिए पहुंच जाता है। पार्थ नाम के एक इंटरनेट यूजर लिखते हैं, ‘ममता जी ने इतनी जल्दी कुछ नहीं किया।’
आपको बता दें कि उत्तरकाशी के सिल्क्यारा-बड़कोट में बन रही सुरंग (उत्तराखंड टनल रेस्क्यू अपडेट) का एक हिस्सा 12 नवंबर को धंस गया था, जिसके कारण 41 मजदूर अंदर फंस गए हैं। इनमें से 3 मजदूर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। उनके बेटे का नाम मनीर तालुकदार है।
कूचबिहार निवासी तालुकदार, हरिनाखली निवासी असित पाखेरा के पुत्र सेविक पाखेरा और निमडांगी हुगली निवासी तापस प्रमाणिक के पुत्र जयदेव प्रमाणिक शामिल हैं। इन सभी कर्मचारियों को आज रात या बुधवार सुबह किसी भी वक्त बाहर किया जा सकता है।
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