Hindi News / Indianews / Two Children Were In My Lap Four Dead Bodies Were At My Feet Tanya Mittal Shared The Heart Wrenching Experience Of The Maha Kumbh Stampede Your Soul Will Tremble After Watching The Video

दो बच्चे मेरे गोद में थे…चार लाशें मेरे पैर में, तान्या मित्तल ने महाकुंभ भगदड़ की दिल दहला देने वाली एक्सपीरियंस को किया साझा, वीडियो देख कांप जाएगी रूह

नामुमकिन था वहां से बाहर निकलना मैंने ऐसा सोच लिया था कि ये मेरे जीवन का यह अंतिम दिन है। लेकिन कैसे भी हमें एक हल्दीराम का स्टोर दिखा।

BY: Divyanshi Singh • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज),MahaKumbh 2025 Stampede:मौनी अमावस्या के दिन उत्तर प्रदेश के झूंसी में महाकुंभ मेले में दूसरी भगदड़ की खबर मिली है। इस मौके पर मौजूद उत्तर प्रदेश पर्यटन प्रमोटर तान्या मित्तल ने अपने सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाला वीडियो शेयर किया है। जहां उन्होने भगदड़ को लेकर दिल दहला देने वाला अपना एक्सपीरियंस भी साझा किया है। उन्होने वीडियो में बताया है कि एक समय ऐसा था जब उन्हे लगा कि आज उनके जिवन का अंतिम दिन है।

सोशल मीडिया पर शेयर किया वीडियो

सोशल मीडिया पर एक वीडियो में तान्या मित्तल ने बताया कि कल रात को एक भगदड़ हुआ। उन्होने कहा कि आपने न्यूज देखी होगी। हम लोग एक हाई प्वाइंट पर थे जब अचानक बहुत लोगों की चिलाने कि बच्चों और औरतों की अवाजे आने लगी।

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MahaKumbh 2025 Stampede

 

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‘मेरी सांस अटक गई थी’

तान्या मित्तल ने आगे कहा कि मेरे साथ कुछ फोर्स थी और मेरी टीम थी और हमने निर्णय लिया कि हम जाके कम से कम बच्चों को निकाल कर अपने पास लाएंगे। हम नीचे पहुंचे और मैं खुद फंस गई भगदड़ के बीच में और एक प्वाइंट पर मेरी सांस अटक गई थी। मुझे ना कुछ दिख रहा था ना समझ आ रहा था।

मै अभी भी सदमे में हुं-तान्या मित्तल

तान्या मित्तल ने आगे कहा कि नामुमकिन था वहां से बाहर निकलना मैंने ऐसा सोच लिया था कि ये मेरे जीवन का यह अंतिम दिन है। लेकिन कैसे भी हमें एक हल्दीराम का स्टोर दिखा। हमने जो छोटे बच्चों के कैसे भी खींच के अंदर लिया। दुसरे देश के जो लोग थे उन्हे कैसे भी समझाया उन्हे अंदर बैठाया। उन्हें रेस्क्यू किया आज मतलब मैंने जो देखा है ना मै अभी भी सदमे में हुं।

छोटे बच्चे मेरी गोद में थे-तान्या 

तान्या ने बताया, ‘1-2 साल के छोटे बच्चे मेरी गोद में थे। वे रो रहे थे। उनके पास खाना नहीं था और वे प्यासे थे। उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया था। हमने एक महिला को बचाया, हमें लगा कि वह जिंदा है, हमने उसे सीपीआर दिया लेकिन वह बच नहीं पाई। हमने एक और व्यक्ति को उठाया और उसे बचाया, उसका जबड़ा टूटा हुआ था। किसी ने उसकी लाश पर पैर रखा था। उसके दांत टूटे हुए थे। मैं खुद अपना चेहरा छिपा रही थी।’

हल्दीराम के स्टोर में 4 लाशें थीं-तान्या 

उसने बताया कि हल्दीराम के स्टोर में 4 लाशें थीं, हमने वहां के स्टाफ को नहीं बताया ताकि वे डर न जाएं।’तान्या मित्तल ने बताया कि ‘कम से कम 30-40 लोग मर चुके थे। मेरे पैरों के पास चार लाशें पड़ी थीं। उन्होंने कहा, “जो बच्चे लापता हैं और मर गए हैं, उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। मेरे हाथ में लाशें थीं, मैंने उन्हें कभी उठाते नहीं देखा।” तान्या ने बताया, “वहां 40 आधार कार्ड पड़े थे।”

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