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इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Union Government Plan केंद्र सरकार अब उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कचरे से कोयला तैयार करने वाला प्लांट स्थापित करने की तैयारी में है। इसमें देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) का सहयोग लिया जाएगा और वाराणसी के नगर निगम रमना इलाके में देश का पहला प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट से प्रतिदिन 200 टन से ज्यादा कोयला पैदा करने की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी में वाराणसी के दौरे पर आने वाले हैं और जानकारी के अनुसार वह इस दौरान प्लांट का नींव पत्थर रखेंगे।
नगर निगम Executive Engineer Ajay Kumar का कहना है कि कचरे से कोयला बनाने के प्लांट के टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और प्लांट के शिलान्यास की प्रक्रिया चल रही है।
फिलहाल एक साल में प्लांट को संचालित करने की योजना है। लगभग 25 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले इस प्लांट को बनाने में 150 करोड़ रुपए की लागत आएगी। प्लांट से निकलने वाले अवशेष को भी निस्तारित करने की व्यवस्था की जाएगी। बिजली उत्पादन इकाइयों में कोयला संकट से निजात दिलाने के लिए वाराणसी में होने वाला यह प्रयोग देश को नई दिशा दिखाएगा।
वाराणसी में प्रयोग सफल होने के बाद देश के कई शहरों में इस तरह के प्लांट स्थापित करने की सरकार की योजना है। गौरतलब है कि प्लांट का निर्माण अगले 25 वर्षोँ को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
रमना नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार हर रोज वाराणसी शहर से 600 टन कचरा निकलता है। शहर विस्तार के बाद करीब 800 टन कचरा निकासी का अनुमान है, इसलिए प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 800 टन से अधिक कचरा प्रसंस्करण की होगी। प्लांट तैयार करने वाली कंपनी पहले दो साल तक इसका खुद संचालन करेगी। इसके बाद कंपनी प्लांट को नगर निगम को सौंपेगी।
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वाराणसी में प्लांट लगाने से पहले दादरी में हुए अध्ययन के अनुसार 600 टन कचरे से 200 टन कोयला बनाया जाएगा। गौरतलब है कि एनटीपीसी के दादरी में इसका डेमो और टारफेक्शन प्लांट स्थापित किया गया है। इसमें बताया गया है कि यह किस तरह पर्यावरण संरक्षण के साथ संचालित किया जाएगा। गंधहीन इस प्लांट में उत्सर्जन और शोर, सीमा मानदंडों के अनुरूप होगी। हानिकारक पदार्थों के निर्वहन को रोकने के लिए कचरा लीचेट उपचार प्रणाली (जमीन में गड्ढा खोदकर निस्तारण करने की विधि) से गुजरेगा। स्वचालित मशीनों के जरिए इस प्लांट का संचालन किया जाएगा।
रमना में स्थापित किए जाने वाले कोयला प्लांट की योजना के अनुसार एक किलो कोयला तैयार करने में छह रुपए का खर्च आएगा। गौरतलब है कि वर्तमान में बाजार में कोयले की कीमत कई गुना ज्यादा है। वाराणसी में प्लांट का संचालन होने के बाद न केवल शहर में बढ़ रहे कचरे के ढेर से निजात मिलेगी, बल्कि इसका उपयोग भी किया जा सकेगा। (Union Government Plan)
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