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acharya pramod krishnam _
India News(इंडिया न्यूज), UP Nameplate Controversy: 22 जुलाई से सावन शुरू होने वाले हैं जिसका इंतजार सभी भक्त पूरे एक साल करते हैं। बता दें कि इस दिन से सावन का पावन महीना शुरु होने वाला है और इसी दिन से भोलेनाथ के भक्त कांवड़ यात्रा लेकर निकलेंगे। इस बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी किए कि कांवड़ यात्रा के रास्ते में कोई भी मांस मदिरा की दुकान को न लगाया जाए। साथ ही रास्ते में लगाए गए सभी दुकानों या ठेले भक्तों की आईडी देखी जाए। यहीं से विपक्ष ने उन पर सवाल उठाने खड़े कर दिए। इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम का बयान आया कि असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव कांवड़ यात्रा के दुश्मन हैं। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।
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इस मुद्दे पर आचार्य प्रमोद कृष्णम अपनी बात रख रहे हैं। इससे पहले भी पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने अखिलेश यादव की आलोचना की थी और कहा था कि अखिलेश यादव कांवड़ यात्रा से चिढ़ जाते हैं, इसलिए गलत बयानबाजी करते हैं। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान लोगों की आईडी चेक की जानी चाहिए, ऐसा करना गलत नहीं है। उन्हें कांवड़ यात्रा पसंद नहीं है, इसलिए ये लोग योगी सरकार की व्यवस्था को कोस रहे हैं।
ओवैसी ने बयान देते हुए कहा था कि यूपी में ‘सांप्रदायिकता’ पैदा हो गई है। यह बुराई की तरह बुराई को बढ़ावा दे रही है। यह संविधान का उल्लंघन है। यह उत्पाद के अधिकार का उल्लंघन है। मुसलमानों के साथ खुला भेदभाव है और यूपी में योगी आदित्यनाथ अकसर यही करते हैं। इसी तरह अलोकतांत्रिक यादव ने कहा है कि न्यायालय ऐसे फैसले से सहमत है तो पुनर्विचार करें और दंडात्मक कार्रवाई करें। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, और न्यायालय इसे बढ़ावा देकर गलत कर रही है।
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आपको बता दें कि यूपी के साथ उत्तराखंड में भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया है। जिसके बाद विपक्ष भड़क गया है। सपा-कांग्रेस, बसपा जैसे विपक्षी दलों ने ही नहीं बल्कि रालोद, जदयू और लोजपा जैसे भाजपा के सहयोगी दलों ने भी इस फैसले को गलत बताया है और इसे वापस लेने की मांग की है।
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