India News (इंडिया न्यूज), अजय त्रिवेदी, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले तीन सालों में 10 नए ताप बिजलीघरों से उत्पादन शुरु हो जाएगा। नए बिजलीघरों के चालू होने के बाद प्रदेश की स्थापित क्षमता में 5255 मेगावॉट की बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ ही प्रदेश के तीन बड़े बिजलीघरों की वर्तमान क्षमता को भी बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश सरकार का मानना है कि इसी साल 10 लाख करोड़ रूपये की निवेश परियोजनाओं पर काम शुरु होने के बाद बिजली की मांग और ज्यादा बढ़ेगी। इस मांग को पूरा करने के लिए जहां अगले तीन सालों में 10 नए ताप बिजलीघरों से 5255 मेगावॉट का उत्पादन शुरु किया जाएगा वहीं तीन बड़े बिजलीघरों की स्थापित क्षमता का विस्तार 5120 मेगावॉट का अतिरिक्त उत्पादन किया जाएगा।
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में जिन 10 नये ताप बिजलीघरों को शुरू करने की कवायद चल रही है उनमें 660 मेगावॉट की ओबरा सी की दूसरी यूनिट इसी साल सितंबर तक चालू होगी जबकि 660 मेगावॉट की जवाहरपुर यूनिट-2 अगले महीने तक उत्पादन शुरू कर देंगी। वहीं 561 मेगावॉट की घाटमपुर ताप बिजलीघर की पहली यूनिट इसी जुलाई में और इसी समय के करीब 660 मेगावॉट की पनकी यूनिट में उत्पादन शुरू हो जाएगा।
Uttar Pradesh
अधिकारियों ने बताया कि 561 मेगावॉट की घाटमपुर बिजलीघर की दूसरी यूनिट में इसी साल दिसंबर तो 561 मेगावॉट की घाटमपुर की तीसरी यूनिट में अगले साल मार्च तक उत्पादन की शुरूआत हो जाएगी। अगले साल मई के महीने तक 396 मेगावॉट की खुर्जा एसटीपीपी यूनिट-1 और 396 मेगावॉट की यूनिट-2 चालू कर दी जाएगी। वही 400 मेगावॉट की सिंगरौली स्टेज थ्री यूनिट-1 और 400 मेगावॉट की सिंगरौली स्टेज थ्री, यूनिट-2 अगस्त 2027 तक उत्पादन करने लगेगी।
इन सभी ताप बिजली घरों की इकाइयों के शुरू होने से प्रदेश में अतिरिक्त 5255 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होने लगेगा। इनके अलावा प्रदेश की योगी सरकार वर्ष 2030 तक प्रदेश के बड़े बिजली घरों की उत्पादन क्षमता में 5120 मेगावॉट का इजाफा करेगी। इसके तहत वर्तमान में मौजूद तीन इकाइयों की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। इसमें ओबरा डी की दूसरी यूनिट में 1600 मेगावॉट, अनपरा ई बिजलीघर में 1600 मेगावॉट और प्रयागराज जिले के मेजा बिजलीघर को 1920 मेगावॉट उत्पादन क्षमता तक विस्तारित करना है।
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गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश के सभी मौजूदा ताप बिजलीघरों से करीब 6500 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा जल बिद्युत, विंड पावर और सौर ऊर्जा के संयंत्रों से भी बिजली पैदा की जा रही है। हालांकि इसके बावजूद प्रदेश में बिजली की खपत और उत्पादन में भारी अंतर है। इसी साल मई के तीसरे हफ्ते से प्रदेश में बिजली का मांग बढ़कर 30000 मेगावॉट प्रतिदिन पहुंच गयी थी। प्रदेश सरकार बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने अन्य राज्यों व निजी क्षेत्र से खरीद करती है।
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