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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Vaccine For Omicron Developed: देश में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इस नए वैरिएंट पर एक्सपर्ट्स की राय मौजूदा वैक्सीन के लिए अलग-अलग है। ओमिक्रॉन (Omicron) पर रोक लगाने के लिए पहली स्पेसिफिक वैक्सीन भारत में ही बनकर तैयार हुई है। इस वैक्सीन को पुणे की जिनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स (Genova Biopharmaceuticals) ने तैयार किया है और जल्द ही इसके ह्यूमन ट्रायल शुरू होने जा रहे हैं। स्पेसिफिक वैक्सीन देश की पहली mRNA टेक्नोलॉजी पर आधारित वैक्सीन है। इस कंपनी ने डेल्टा वैरिएंट के लिए भी वैक्सीन बनाई है। लेकिन अभी इसके आखिरी फेज के ट्रायल के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिलने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।
mRNA या मैसेंजर-RNA जेनेटिक कोड का एक छोटा हिस्सा है, जो हमारी कोशिकाओं में प्रोटीन बनाने का काम करता है। इसे आसान भाषा में समझते हैं। जब हमारे शरीर पर कोई वायरस या बैक्टीरिया हमला करता है, तो mRNA टेक्नोलॉजी हमारे सेल्स को उस वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने के लिए प्रोटीन बनाने का मैसेज भेजती है। इम्यून सिस्टम को जो जरूरी प्रोटीन चाहिए, वो मिल जाता है और हमारे शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। वैज्ञानिकों ने पहली बार mRNA टेक्नोलॉजी पर बेस्ड वैक्सीन विकसित की है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पुरानी सभी वैक्सीन्स के मुकाबले ज्यादा जल्दी और ज्यादा मात्रा में नई वैक्सीन बन सकती है।
कंपनी ने डेल्टा वैरिएंट के लिए भी अलग से एक वैक्सीन तैयार की है। इसके फेज-2 का ट्रायल 3,000 लोगों पर हो चुका है और फेज-3 के ट्रायल जल्द ही शुरू होने वाले हैं। कंपनी ने वैक्सीन का प्रोडक्शन पहले ही शुरू कर दिया है, ताकि सरकार से मंजूरी मिलते ही बाजार में जरूरतमंदों के लिए उपलब्ध कराया जा सके। इसके बाद इसका प्रोडक्शन बढ़ा दिया जाएगा। कोविड-19 की नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आॅन इम्युनाइजेशन के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा के अनुसार, उन्हें जिनोवा की ओर से वैक्सीन ट्रायल का डेटा मिल गया है और उसे स्टडी किया जा रहा है।
देश में बनी नेशनल कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने बताया है कि एमआरएनए टेक्नोलॉजी पर आधारित वैक्सीन का निर्माण भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह आगे बहुत काम आने वाली है। भारत में ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए वैरिएंट-स्पेसिफिक वैक्सीन का निर्माण होना भी उतना ही उत्साहजनक है।
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