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PM Modi और वसुंधरा राजे के बीच क्यों आ गई थीं दूरियां? क्या हैं इस मुलाकात के सियासी मायने

BY: Deepak • LAST UPDATED : December 21, 2024, 12:51 pm IST
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PM Modi और वसुंधरा राजे के बीच क्यों आ गई थीं दूरियां? क्या हैं इस मुलाकात के सियासी मायने

Vasundhara Raje meeting with PM Modi

India News (इंडिया न्यूज), Jaipur News: कुछ दिन पहले बिना किसी का नाम लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर तीखा हमला करने वाली राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसे शिष्टाचार भेंट बताते हुए राजे ने इस मुलाकात की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर शेयर की हैं। लेकिन पीएम मोदी से राजे की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

इस मुलाकात के सियासी मायने?

पिछले विधान सभा चुनाव के बाद से ही पीएम मोदी और वसुंधरा राजे के रिश्तों में थोड़ी खटास या गई थी, जिसके बाद राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद उससे दूर रहने वाली राजे समय-समय पर गहरे मतलब वाले बयान देती रही हैं। राजे के ये बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा में रहते हैं। दो बार राजस्थान की सीएम रह चुकीं और भाजपा की कद्दावर नेता राजे के बयानों को लेकर पार्टी की ओर से हालांकि कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती, लेकिन इनके कई मायने निकाले जाते हैं। इसी के चलते राजे खामोश रहने के बाद भी राजस्थान की राजनीति में सुर्खियों में बनी रहती हैं।

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झालावाड़ में राजे ने चलाए सियासी तीर

नवंबर महीने में झालावाड़ में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण करते हुए राजे ने कई सियासी तीर चलाए थे। उस मौके पर दिए गए राजे के भाषण की आज भी चर्चा हो रही है। उसके बाद जब पार्टी में हलचल मची तो सभी ने राजे को मजबूत नेता बताते हुए उनके बयानों से दूरी बना ली थी। उस कार्यक्रम में राजे ने कहा था कि बादल सूरज के सामने आकर उसे कुछ देर के लिए अदृश्य कर सकते हैं लेकिन उसकी चमक को ज्यादा देर तक रोक पाने की ताकत उनमें नहीं है। इसके साथ ही वसुंधरा राजे ने यह भी कहा था कि आजकल लोग पीठ में छुरा घोंपने में माहिर हो गए हैं।

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राजे ने कहा था कि समय का पहिया चक्र की तरह घूमता है

इस कार्यक्रम में राजे ने एक बेहद कठिन परिस्थिति का जिक्र करते हुए कहा था कि जो लोग परिस्थितियों के सामने हार नहीं मानते, आखिर में जीत उन्हीं की होती है। इस समारोह में राजे ने समय और परिस्थितियों का जिक्र करते हुए महाराणा प्रताप का उदाहरण देते हुए कहा कि समय का पहिया चक्र की तरह घूमता है। कई बार महल में मखमल पर सोने वाले राजा को भी जंगल में कांटों पर सोना पड़ता है। इन बयानों के करीब एक महीने बाद अब राजे की पीएम मोदी से मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

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चुनाव में भूमिका नहीं मिलने से परेशान दिखी थीं राजे

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भूमिका नहीं मिलने से राजे के परेशान होने की खूब चर्चाएं हुई थीं। विधानसभा चुनाव के बाद राजे के तीसरी बार सीएम बनने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और पार्टी ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को राजस्थान की कमान सौंप दी। इसके बाद से राजे ने पार्टी और सार्वजनिक समारोहों में बिना किसी का नाम लिए कई बड़े बयान दिए हैं। साथ ही वो कई मौकों पर PM Modi से भी खफा दिखीं। विधानसभा उपचुनाव में भी राजे ज्यादा सक्रिय नहीं दिखीं। इससे पार्टी के अंदर और बाहर भी खूब चर्चाएं हुईं।

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