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VB Variant: नीदरलैंड्स में मिला एचआईवी का नया वेरिएंट 'VB', जानिए कितना खतरनाक है?

VB Variant: नीदरलैंड्स में मिला एचआईवी का नया वेरिएंट ‘VB’, जानिए कितना खतरनाक है? इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना और उसके नया वेरिएंट ओमिक्रॉन ने क्या कम आतंक मचा रखा है जो दूसरी तरफ ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी। बता दें कि नीदरलैंड्स में वैज्ञानिकों […]

BY: Suman Tiwari • UPDATED :
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VB Variant: नीदरलैंड्स में मिला एचआईवी का नया वेरिएंट ‘VB’, जानिए कितना खतरनाक है?

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पूरी दुनिया में कोरोना और उसके नया वेरिएंट ओमिक्रॉन ने क्या कम आतंक मचा रखा है जो दूसरी तरफ ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी। बता दें कि नीदरलैंड्स में वैज्ञानिकों को एचआईवी की एक ऐसी सुपर-म्यूटेंट स्ट्रेन मिली है, जो वायरस के मौजूदा वेरिएंट की तुलना में मरीज को तेजी से बीमार करती है।

रिसर्च के मुताबिक एचआईवी के नए वेरिएंट से सेहत एकदम से खराब हो सकती है। इसलिए इसकी जल्द से जल्द पहचान करके इलाज शुरू करना बेहद जरूरी है। दुनिया भर में नए वेरिएंट के संक्रमण को रोकने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि इसके लगातार फैलने से वायरस में खतरनाक म्यूटेशन्स हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या है एचआईवी का नया वेरिएंट, कितना खतरनाक है।

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VB Variant

क्या है एआईडीएस? (VB Variant)

आपको बता दें कि (VB variant AIDS) एचआईवी से संक्रमित होने पर लोगों में एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (एआईडीएस) की स्थिति बनती है। यह वायरस आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंध बनाने से फैलता है। यह मरीज के शरीर में मौजूद सीडी4 नाम के इम्यून सेल्स को खत्म कर देता है। इससे लोगों को जुकाम जैसी छोटी बीमारियां बहुत आसानी से हो जाती हैं। फिलहाल एचआईवी/ एआईडीएस का कोई परमानेंट इलाज नहीं है। इससे केवल बचा जा सकता है।

VB Variant

एचआईवी के नए वेरिएंट का क्या नाम है?

  • आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस (new HIV variant) नए वेरिएंट का नाम VB वेरिएंट रखा है। फिलहाल ये नीदरलैंड्स (VB variant Netherlands) में तेजी से फैल रहा है। इससे संक्रमित लोगों में सीडी4 सेल्स दोगुनी रफ्तार से कम हो रहे हैं।
  • सही समय पर जांच नहीं होने से इसके मरीजों में एआईडीएस की स्टेज जल्दी आ सकती है। यानी जहां पिछले एचआईवी वैरिएंट्स का संक्रमण होने पर एआईडीएस की स्टेज छह से सात साल बाद आती थी, वहीं वीबी से संक्रमित होने पर ये स्थिति दो से तीन साल में ही आ जाएगी।

कितना गुना तेजी से मल्टीप्लाई होता है VB Variant?

VB वेरिएंट का वायरल लोड भी मौजूदा स्ट्रेन के मुकाबले 3.5 से 5.5 गुना ज्यादा है। वायरल लोड का मतलब शरीर में वायरस के मल्टीप्लाई होने की गति है। हालांकि, सही समय पर इलाज शुरू हो जाने पर मरीज के इम्यून सिस्टम की रिकवरी और जीवित रहने की संभावना बाकी एचआईवी स्ट्रेन के मरीजों के समान होती है। फिलहाल नीदरलैंड्स में इसके 109 मामले सामने आए हैं।

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किस उम्र वालों को VB Variant ले रहा चपेट में? 

वैज्ञानिकों का कहना है कि एचआईवी के नए वेरिएंट से 30 साल की उम्र के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि श्इ सिर्फ युवाओं को संक्रमित कर रहा है। यह बुजुर्गों में भी तेजी से फैलने में सक्षम है। रिसर्च अनुसार, इस वेरिएंट का मरीज संक्रमण की पहचान से एडवांस एचआईवी तक सिर्फ नौ महीने में पहुंच जा रहा है।

क्या VB Variant पर एचआईवी की पुरानी दवाएं करेंगी काम?

रिसर्च में पता चला है कि वीबी वेरिएंट पर एचआईवी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली पुरानी दवाएं असरदार हैं। इस संक्रमण के इलाज में प्रमुख तौर पर एंटीरेट्रोवायरल ड्रग्स का यूज किया जाता है। स्टडी अनुसार, एक मरीज पर इन ड्रग्स का इस्तेमाल करके उसे एआईडीएस की स्टेज में जाने से बचाया गया है।

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