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India News (इंडिया न्यूज़), Bangalore Water Crisis: दक्षिण राज्य कर्नाटक का राजधानी बेंगलुरु में पिछले कुछ दिनों से लगातार पानी का संकट छाया हुआ है। वहीं कुछ परिवार इस संकट में भी पानी की बर्बादी से बाज नहीं आ रहे हैं। जिसको लेकर बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने पानी की भारी कमी के बीच गैर-जरूरी उद्देश्यों के लिए कावेरी जल का उपयोग करने के लिए बेंगलुरु में कुल 22 परिवारों पर ₹5,000 का जुर्माना लगाया गया था। जिसके बाद सामूहिक रूप से ₹1.1 लाख जुर्माना वसूला गया। दरअसल, सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर बोर्ड ने कार्रवाई की। जहां लोग कारों, बगीचे और अन्य टाले जा सकने वाले कामों के लिए पीने के पानी का उपयोग करते पाए गए थे।
बता दें कि, बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड का दक्षिण डिवीजन पानी की बर्बादी को लेकर सख्त है। जिसको लेकर अक्सर निवासियों की शिकायतों पर नजर रखता है। पिछले सप्ताह बोर्ड ने शहर में होली समारोहों के दौरान पूल नृत्य और वर्षा नृत्य जैसी गतिविधियों के लिए कावेरी जल और बोरवेल जल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह आदेश पानी की गंभीर कमी के बावजूद कई प्रतिष्ठानों द्वारा पूल पार्टियों और रेन डांस की घोषणा के बाद आया था। इस आदेश के आने के बाद, कई होटलों ने तुरंत प्रभाव से अपनी प्रचार सामग्री से ‘रेन डांस’ को हटा दिया।
बता दें कि, प्रदेश सरकार राजधानी में हो रहे जलसंकट को लेकर बहुत सख्त है और जल्द से जल्द इसका समाधान निकालना चाहती है। जिसको लेकर नलों से पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले एरेटर को व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, अपार्टमेंट, रेस्तरां, लक्जरी होटल, उद्योगों और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों में भी अनिवार्य बना दिया गया है। दरअसल, अब शहर में पानी की कमी को दूर करने के लिए सरकार उपचारित पानी को एक संभावित समाधान के रूप में देख रही है। क्योंकि इसका उपयोग कावेरी जल के बजाय सभी गैर-जरूरी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। बेंगलुरु जल आपूर्ति बोर्ड अब कार्रवाई करने और शहर की सूखी झीलों को उपचारित अपशिष्ट जल से भरने की योजना भी बना रहा है। जो चरम गर्मी से पहले बोरवेलों को रिचार्ज करने में मदद कर सकता है।
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