India News(इंडिया न्यूज), Wrestlers Protest: किसान नेता नरेश टिकैत के अनुरोध के बाद पहलवानों ने अपने मेडल्स को गंगा में बहाने का फैसला बदला है। दरअसल, बीते मंगलवार को महीने भर से ज्यादा दिनों से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने अपने जीते गए मेडल्स को गंगा नदी में प्रवाह करने का फैसला किया। इसके लिए पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगट, बजरंग पूनिया सहित अन्य पहलवान हरिद्वार पहुंचे। वहीं दूसरी ओर इसकी जानकारी किसान नेता नरेश टिकैत को मिलने के बाद वह भी वहां पहुंचे। उन्होंने पहलवानों से मुलाकात कर उन्हें अपना फैसला वापस लेने का अनुरोध किया। बाद में उनके अनुरोध को पहलवानों ने स्वीकार्य किया है। 

इन बेटियों का सिर झुकनें नहीं देंगें : टिकैत

जब संवाददाताओं ने इस संबंध में नरेश टिकैत से बात की तो उन्होने कहा कि सरकार उनके साथ जो कुछ भी कर रही है वह शर्मनाक है। हम देश की इन बेटियों का सिर झुकनें नहीं देंगें। इन बेटियों ने देश का नाम विदेशों में रौशन किया है। उन्होंने कहा, “सरकार इन बेटियों के साथ ज्यादती कर रही है, परसों(28 मई) देश ने देखा कैसे इन्हें अपमानित किया गया। पूरे देश में इसको लेकर सरकार के खिलाफ आक्रोश है।”

उन्होंने कहा है कि सिर्फ एक व्यक्ति को बचाने के लिए पूरी भारत सरकार लगी हुई है। ये देश सब देख रहा है। उन्होंने कहा,” हमलोगों ने सरकार को इस पर विचार करने के लिए 5 दिनों का वक्त दिया है। इस 5 दिनों ने भीतर हमलोग तय करेंगे आगे करना क्या है।”

घंटों रोए पहलवान

हरिद्वार पहुंचे खिलाड़ी अपने मेडल गंगा में बहाने से पहले भावुक हो गए, रो पड़े। घंटों तक घाट पर बैठे रहे। आसपास के कई लोगों की आंखें भी पहलवानों को देखकर नम हो गईं। खिलाड़ियों ने कहा कि मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। उन्होंने कहा, “अंदर से ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है। हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि क्यों जीते थे।

 

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