India News (इंडिया न्यूज), Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा संकेत दिया कि वह मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व भी कर सकती हैं। हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी पार्टी इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष जताते हुए कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह विपक्षी पार्टी की कमान संभालेंगी। एक इंटरव्यू में ममता ने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और अगर उन्हें मौका मिला तो वह ‘इसे चला सकती हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था, अब इसे संभालने की जिम्मेदारी उन लोगों पर है जो इसका नेतृत्व कर रहे हैं। अगर वे इसे नहीं चला सकते तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस इतना कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलना होगा।’ इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि वह एक मजबूत भाजपा विरोधी ताकत होने के बावजूद इंडिया ब्लॉक की कमान क्यों नहीं संभाल रही हैं तो बनर्जी ने कहा, ‘अगर मुझे मौका मिला तो मैं इसका सुचारू संचालन सुनिश्चित करूंगी।’ बंगाल की सीएम ने कहा, ‘मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती लेकिन मैं इसे यहीं से चला सकती हूं।’
Mamata Banerjee: कांग्रेस ने उड़ाया ममता बनर्जी का मजाक
ममता बनर्जी की यह टिप्पणी टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद द्वारा उन्हें इंडिया ब्लॉक प्रमुख के रूप में नियुक्त करने की मांग के कुछ दिनों बाद आई है। मीडिया से बात करते हुए, पूर्व क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आजाद ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए एक बेहतर चेहरा हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनका रिकॉर्ड बेहतरीन है। हालांकि, कांग्रेस ने इस मांग को खारिज कर दिया और उसके लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर ने इसे ‘अच्छा मजाक’ बताया।
लोकसभा 2024 के चुनावों से पहले भाजपा से मुकाबला करने के लिए इंडिया ब्लॉक का गठन किया गया था। इस गठबंधन में दो दर्जन से अधिक विपक्षी दल शामिल हैं। हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी ने विभिन्न तिमाहियों से आलोचना को आकर्षित किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी ब्लॉक के कामकाज को लेकर इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के बीच बड़े मतभेद उभरे। तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सांसद भी गौतम अडानी रिश्वत मामले पर विपक्ष के संयुक्त विरोध में शामिल नहीं हुए। खबर है कि अडानी रिश्वत मामले को उठाने में टीएमसी और समाजवादी पार्टी कांग्रेस से सहमत नहीं हैं।