India News(इंडिया न्यूज), Godhra Kand: 15 नवंबर 2024 को रिलीज हो रही फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ ने एक बार फिर गुजरात दंगे की कहानी को जीवित कर दिया है। दरअसल इस फिल्म का टीजर रिलीज हुआ है, जिसमें विक्रांत मेसी मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। वो पत्रकार की भूमिका निभाते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में ये सवाल उठ रही है कि आखिर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस में ऐसा क्या हुआ था जिसका सच तलाशने की कोशिश इस फिल्म में की जा रही है। तो चलिए इसके बारे में जानते हैं। दरअसल 27 फरवरी 2002 में गोधरा कांड (Gujarat Godhra Kand) हुआ था। इस घटना के बाद 27 फरवरी का दिन एक दुखद घटना के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।
जानकारी के अनुसार, गुजरात के गोधरा स्टेशन से जब साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन रवाना होती है तो ट्रेन की चैन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी जाती है। फिर उसके बाद साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की एक बोगी को हिंसक और उन्मादी भीड़ आग के हवाले कर देती है। इस घटना में अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे थे।
The Sabarmati Report ( साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में हिंदू तीर्थयात्रियों के साथ क्या हुआ था)
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, साबरमती एक्सप्रेस से हिंदू तीर्थयात्री अयोध्या से वापस लौट रहे थे। जब ट्रेन 27 फरवरी 2002 को गुजरात के पंचमहल जिले में पड़ने वाले गोधरा स्टेशन पहुंची। ट्रेन जैसे ही इस स्टेशन से रवाना होती है इसी दौरान कोई चेन खींचकर गाड़ी रोक देता है और फिर पथराव के बाद ट्रेन के एक डिब्बे को आग के हवाले कर देता है। इस ट्रेन के S-6 कोच में अग्निकांड की घटना में 59 लोगों की मौत हो गई थी।
हम आपको बतातें चलें कि, अयोध्या से लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी ट्रेन साबरमती एक्सप्रेस कीबोगी को आग के हवाले कर दिया गया था। इस मामले में 1500 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस घटना के बाज पूरे गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी और जान-माल का भारी नुकसान हुआ। बिगड़ते हालात को देखते हुए उस समय में भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने लोगों से शांति की अपील कर दी थी। अगर हम सरकारी आंकड़ों की मानें तो गुजरात दंगे में लगभग 1200 लोगों की मौत हो गई थी।
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हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, अयोध्या से लौट रही साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी को आग के हवाले कर दिया गया था। जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 23 पुरुष और 15 महिलाओं और 20 बच्चों सहित 58 लोग साबरमती एक्सप्रेस के कोच नंबर S6 में जिंदा जला दिए गए थे। उन लोगों को बचाने की कोशिश करने वाले एक व्यक्ति की भी 2 दिनों के बाद मौत हो गई थी।