India News (इंडिया न्यूज),Delhi:राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार रात तीन मंदिरों पर कार्रवाई होनी थी। मयूर विहार-2 के संजय झील पार्क में बने कालीबाड़ी मंदिर, अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर को तोड़ा जाना था। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के नोटिस के बाद यह कार्रवाई होनी थी। लेकिन लोगों के भारी दबाव के चलते कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई। लोगों के दबाव के चलते ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के राज्यपाल से बात की। उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारियों से बात कर बुलडोजर रुकवाया।
भाजपा विधायक रवि नेगी के मुताबिक, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से बात की गई। रेखा गुप्ता ने दिल्ली के राज्यपाल से बात की। उसके बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से बात कर मंदिर पर चल रहे बुलडोजर की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई।
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डीडीए के बागवानी विभाग की ओर से मंदिरों को गिराने के लिए नोटिस दिया गया था लोगों के मुताबिक पार्क में मौजूद सभी मंदिर 40 साल पुराने हैं और सभी रजिस्टर्ड हैं। लोगों के मुताबिक शाम 7:30 बजे के बाद कुछ लोग आए और बिना किसी नोटिस के तीनों मंदिरों पर नोटिस चिपका दिए। इन तीनों मंदिरों का निर्माण 1988 में हुआ था और हर साल सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम एनजीटी, जिला प्रशासन की अनुमति के बाद ही होते रहे हैं।
कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी ने बताया कि वे पिछले 10 सालों से मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं और किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन अचानक वे नोटिस चिपकाकर चले गए। दूसरा मंदिर अमरनाथ मंदिर है। पुजारी ने बताया कि यह मंदिर भी काफी पुराना है। कश्मीर से आए कश्मीरी पंडितों ने मिलकर मंदिर बनाया था। अचानक कुछ लोग नोटिस चिपकाकर चले गए। यहां तीसरा मंदिर बद्रीनाथ मंदिर है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां कई सालों से पूजा-अर्चना होती आ रही है। किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। सभी लोग मिलकर पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। लेकिन नोटिस अचानक जारी कर दिया गया और किसी को भी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई।